
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पायलट के पक्ष में अजय माकन के बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत समर्थक भड़के हुए हैं। अब कांग्रेस आलाकमान पर दबाव डालने के लिए बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए और निर्दलीय विधायक से कांग्रेस के एसोसिएट सदस्य बने विधायकों ने एक बैठक बुलाई है।
23 जून को जयपुर के होटल अशोका में बैठक को बुलाया गया है। सूत्रों की माने तो गहलोत गुट ने यह रणनीति बनाई है कि पायलट गुट को मिल रही तवज्जो के खिलाफ माहौल बनाया जाए। इस बैठक के बाबत सभी निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को सूचना दे दी गई है। इनमें छह विधायक बसपा है और 13 निर्दलीय हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि इस बैठक में मौजूदा सियासी हालातों, मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मंथन होगा। बता दें कि बहुजन समाज पार्टी से आए विधायक और निर्दलीय जीते विधायक लगातार सचिन पायलट और उनके समर्थकों पर हमला बोल रहे हैं और सचिन पायलट को गद्दार बता रहे हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग की जानकारी कांग्रेस हाईकमान को भी है। इसके अलावा ये भी जानकारी सामने आ रही है कि कांग्रेस के अंदर आए इस राजनीतिक संकट को टालने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को पार्टी के भीतर ही महासचिव जैसा पद का ऑफर किया था, जिससे पायलट ने इनकार कर दिया था।
ये भी माना जा रहा है कि गहलोत सरकार में जो मंत्री पद खाली हैं, उस पर सचिन पायलट अपने लोगों को बैठाना चाहते हैं। मौजूदा समय में गहलोत मंत्रिमंडल में नौ पद खाली हैं और सचिन पायलट चाहते हैं कि इनमें से छह-सात पद उनके खाते में आ जाएं। वहीं बसपा और निर्दलीय विधायक, जो कांग्रेस में आए हैं, वो भी इन्हीं पदों पर नजर बनाए हुए हैं।
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