
नई दिल्ली। महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ता का उलटफेर हो चुका है और अब शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसके बाद भी सियासी कलह(political discord) थमी नहीं है और एक बार फिर से विवाद सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंचा है। शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु (Chief Whip Sunil Prabhu) ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उनके समर्थक 15 विधायकों(15 MLAs) के सदन में घुसने पर रोक लगाने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि जब तक इन विधायकों को मिले अयोग्यता के नोटिस पर फैसला नहीं होता है, तब इन्हें एंट्री नहीं दी जा सकती। यही नहीं उनकी ओर से विधानसभा (Assembly) में बहुमत परीक्षण पर भी रोक लगाने की मांग की गई है।
2 और 3 जुलाई को है महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र 2 और 3 जुलाई को बुलाया गया है। इस दौरान पहले सदन के स्पीकर का चुनाव होगा और फिर शिंदे सरकार बहुमत साबित करेगी। सरकार की तैयारी किस स्तर पर है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि आज शाम को भाजपा विधायक दल की मीटिंग होने वाली है। यह बैठक विधानसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर ही बुलाई गई है और इसमें स्पीकर के उम्मीदवार पर फैसला हो सकता है। स्पीकर के चुनाव के बाद ही सदन में उनकी देख-रेख में बहुमत परीक्षण की प्रक्रिया होगी। लेेकिन शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसले तक इस पर रोक लगाने की मांग कर रही है। देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस पर क्या फैसला आता है।
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