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PAK में सियासी खेल जारी, नई कैबिनेट के सदस्यों को शपथ दिलाने से राष्ट्रपति ने किया इनकार

नई दिल्‍ली । पाकिस्तान (Pakistan) में मंगलवार को नई कैबिनेट के सदस्यों (new cabinet members) को शपथ दिलाई जाएगी. सुबह 11 बजे के बाद 36 सदस्य शपथ ले सकते हैं. इससे पहले खबर आई थी कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (President Arif Alvi) ने खुद को इस समारोह से अलग कर लिया है. जिसके चलते शपथ समारोह (Pakistan Oath Ceremony) को एक दिन के लिए यानी मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया था. सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति अल्वी (Pakistan President Arif Alvi) की अनुपस्थिति में सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी संघीय कैबिनेट के सदस्यों को शपथ दिलाएंगे. पहले शपथ समारोह सोमवार रात 8:30 बजे होने वाली था. जिसे टाल दिया गया.


जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यालय ने राष्ट्रपति कार्यालय को फोन किया, तो अल्वी ने मंत्रियों को शपथ दिलाने से इनकार कर दिया. इससे पहले पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ नेता सईद खुर्शीद अहमद शाह ने संसदीय रिपोर्टर्स के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के कैबिनेट में सबसे अधिक 14 मंत्री हैं. पीपीपी के 11 और जेयूआई-एफ के 4 हैं. जबकि बाकी बची सात पोजीशन को दूसरे गठबंधन सहयोगियों को वितरित किया जाएगा.

विदेश मंत्री बन सकते हैं जरदारी
पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंव- विपक्षी दलों का गठबंधन) ने शपथ समारोह से किनारा करने को लेकर राष्ट्रपति अल्वी की निंदा की है. सूत्रों के अनुसार, पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को विदेश मंत्रालय का कार्यभार सौंपा जा सकता है और वह अगले विदेश मंत्री बन सकते हैं. पहले ऐसा कहा गया था कि वह शहबाज शरीफ की कैबिनेट का हिस्सा नहीं बनेंगे लेकिन अब पीपीपी के कई अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि वह विदेश मंत्रालय संभालेंगे. पीपीपी के सूत्रों ने कहा है कि पीपीपी और एमक्यूएम-पी सिंध के गवर्नर पद के अलावा कराची और हैदराबाद के मेयर पद को लेकर चर्चा कर रहे हैं.

जरदारी और रहमान के बीच झगड़ा
एमक्यूएम-पी के सूत्रों का कहना है कि वह आने वाले दिनों में पीपीपी और पीएमएल-एन नेतृत्व के साथ किए गए समझौतों को लागू करने में अधिक रुचि रखते हैं. पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और जेयूआई-एफ अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान के बीच जारी झगड़े की अफवाहों पर बेलते हुए पीएमएल-एन और पीपीपी के सूत्रों ने कहा कि इसमें बिलकुल सच्चाई नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का पद अभी खाली नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उन्हें हटाने के लिए संसद के दो तिहाई वोट की आवश्यकता होगी. बता दें पाकिस्तान में एक हफ्ते पहले ही शहबाज शरीफ नए प्रधानमंत्री बने हैं लेकिन कैबिनेट ने अभी तक शपथ नहीं ली है.

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