
चुनाव के बीच मतदान दल की मुश्किलें…
इंदौर। इंदौर संभाग (Indore division) में एक जिले के दो बूथ (two booths) ऐसे भी हैं, जहां वोट (Vote) डलवाने के लिए मतदान दल न केवल नाव (boat ) से यात्रा (traveling) कर पहुंचेगा, बल्कि उसे बस (bus) के साथ पैदल यात्रा भी करना पड़ेगी।
इंदौर संभाग के आलीराजपुर जिले के झंडाना और चमेली गांव की स्थिति ऐसी है, मानो वे तीन ओर समुद्र से घिरे हैं, चौथी ओर मप्र की सीमा नहीं है। नर्मदा किनारे के ये झंडना और चमेली गांव में बूथ आदिवासी बहुल तकरीबन 1500 वोटरों से संबंधित है। ये गांव सरदार सरोवर के बैक वाटर से अच्छी खासी तरह प्रभावित है। यहां बैक वाटर समुद्र सा नजर आता है। आसपास पांच-दस किमी दूर तक पानी ही पानी नजर आता है। यह इलाका तीन राज्यों की सीमा से घिरा है। इन गांवों के करीब मप्र , गुजरात, महाराष्ट्र की सीमा लगती है। नर्मदा नदी इन गांवों के बाद गुजरात राज्य की सीमा में प्रवेश कर जाती है। भौगोलिक और बैक वाटर की खासियतों के कारण ही ये गांव आम होकर भी खास हो जाते हैं। इन गांवों के चुनावी तैयारियों का जायजा भी प्रशासन ने नाव की मदद से जाकर किया। 13 मई के चुनाव यानी मतदान के लिए भी निर्वाचन करने वाले कर्मचारी-अधिकारी ईवीएम लेकर 12 मई को झंडाना और चमेली गांव पहुंचेंगे। इसके लिए आलीराजपुर जिला मुख्यालय से 44 किमी बस का सफर होगा, वहां से तकरीबन 2 किलोमीटर जल मार्ग से दूरी तय की जाएगी। इसके बाद बूथ यानी मतदान केंद्र भवन तक जाने के लिए करीब डेढ किमी पैदल भी जाना होगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved