पटना: प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) की पार्टी जनसुराज को आज बड़ा झटका लगा है। दो प्रमुख नेताओं ने पार्टी की 125 सदस्यीय कोर कमेटी (125 member core committee) से इस्तीफा दे दिया। पूर्व सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव और पूर्व सांसद मुनाजिर हसन ने कोर कमेटी से अपने इस्तीफे का ऐलान किया और पार्टी के काम करने के तरीके को लेकर सवाल उठाए। हालांकि, दोनों नेताओं ने कहा है कि उन्होंने कोर कमेटी से इस्तीफा दिया है, अभी पार्टी नहीं छोड़ी है।
देवेंद्र प्रसाद यादव और मुनाजिर हसन की कोर कमेटी से विदाई ने जनसुराज पार्टी के भीतर उथल-पुथल को जन्म दे दिया है। बता दें कि दो साल पहले गांधी जयंती के दिन ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चंपारण से अपनी पदयात्रा शुरू की थी। दो साल पूरे होने पर 02 अक्टूबर को जनसुराज को राजनीतिक पार्टी बना दी। उस वक्त प्रो. केसी सिन्हा, देवेंद्र यादव, मोनाजिर हसन समेत कई दिग्गज पार्टी में शामिल हुए थे।
इस दिन प्रशांत किशोर ने उपचुनाव में चारों विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने का फैसला भी लिया। हालांकि, प्रशांत किशोर की पार्टी को उपचुनाव में करारी हार मिली। इनके प्रत्याशी को तीसरे नंबर और चौथे नंबर पर रहना पड़ा। आज फिर प्रशांत किशोर की पार्टी चर्चा में है, क्योंकि उनकी पार्टी के दो बड़े चेहरों ने कोर कमेटी की सदस्यता छोड़ दी है।
प्रशांत किशोर पहले चुनावी रणनीतिकार के तौर पर खूब चर्चा में रहे। चुनावी रणनीतिकार के तौर पर पीके ने बीजेपी और अन्य दलों के लिए काम किया। इसके बाद जनसुराज को स्थापित किया और दो साल की पत्रयात्रा के बाद गांधी जयंती के मौके पर इसे सियासी पार्टी बनाने की घोषणा की।
प्रशांत किशोर का कहना है कि जनसुराज पार्टी की स्थापना बिहार की राजनीति में बदलाव लाने और राज्य में बेहतर प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। इस पार्टी का मानना है कि सरकार को लोगों की आवाज के रूप में कार्य करना चाहिए और इससे समाज में समावेशी विकास होगा। जनसुराज पार्टी ने खुद को एक वैकल्पिक राजनीति के रूप में पेश किया है, जो खुद को पारंपरिक राजनीतिक दलों से अलग बताती है।
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