
नई दिल्ली । बिहार(Bihar) में विधानसभा चुनाव(assembly elections) की सरगर्मी(stirring) बढ़ चुकी है. राजनीतिक दल(Political parties) अपनी रणनीतियों (Strategies)को धार देने में जुटे हैं. इस बीच रविवार का दिन बिहार की राजनीति में अहम बनने जा रहा है, क्योंकि कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी माने जाने वाले दो चेहरे अब एक साथ एक ही मंच पर नजर आएंगे.
चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गांव कल्याण बिगहा पहुंचेंगे. ये गांव नालंदा जिले के हरनौत ब्लॉक में आता है. प्रशांत किशोर का मकसद नीतीश कुमार के विकास कार्यों के दावों की जमीनी हकीकत को उजागर करना है. प्रशांत किशोर ने कहा कि, नीतीश कुमार ने पिछड़ों और वंचितों के लिए विकास के बड़े-बड़े दावे किए हैं. खासकर भूमि वितरण और जनकल्याण योजनाओं के नाम पर. हम उनके गांव जाकर इन दावों का रियलिटी चेक करेंगे.
RCP सिंह का प्रशांत किशोर की पार्टी में विलय
आज का दिन इसलिए भी खास है क्योंकि नीतीश कुमार के सबसे विश्वासपात्र माने जाने वाले आरसीपी सिंह भी अपनी पार्टी ‘आसा’ का विलय प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में करेंगे. RCP सिंह एक समय JDU के कोटे से राज्यसभा सांसद रहे और संसदीय दल के नेता रहे हैं. अब प्रशांत किशोर के साथ नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं.
नीतीश के ‘लेफ्ट-राइट हैंड’ अब उनके खिलाफ
बिहार की राजनीति में इसे एक बड़ा उलटफेर माना जा रहा है. नीतीश कुमार के ये दोनों करीबी चेहरे अब जन सुराज पार्टी के बैनर तले एकजुट हो गए हैं. प्रशांत किशोर ने सीधे-सीधे नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर सवाल खड़े किए और कहा, हम यह देखेंगे कि नीतीश कुमार के लंबे कार्यकाल में जिन योजनाओं का दावा किया गया था, उनका लाभ उनके खुद के गांव में कितना मिला है.
बदलते समीकरण का असर
नीतीश कुमार के ये दो पूर्व सहयोगी अब उनके खिलाफ खड़े हैं. RCP सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी पार्टी ‘आसा’ बनाई थी और नालंदा में सक्रिय रूप से जनसंपर्क कर रहे थे. अब उनके जन सुराज में शामिल होने के साथ ही बिहार में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदलते नजर आ रहे हैं.
प्रशांत किशोर की सीधी चुनौती
प्रशांत किशोर ने चुनावी राजनीति में अपनी पारी की शुरुआत ही नीतीश कुमार के खिलाफ हल्लाबोल से की है. जन सुराज पार्टी के सूत्रों का कहना है कि 18 मई को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. इसमें RCP सिंह के जन सुराज में शामिल होने की आधिकारिक घोषणा होगी.
नीतीश के लिए नई चुनौती
नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर में यह एक नया मोड़ है. उनके सबसे करीबी सहयोगियों का एक साथ विरोधी खेमे में जाना उनके लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. देखना यह होगा कि प्रशांत किशोर और RCP सिंह की यह नई राजनीतिक जुगलबंदी बिहार के सियासी समीकरण को कैसे प्रभावित करती है.
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