नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को हरसिमरत कौर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। शिरोमणी अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने गुरुवार शाम को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति ने निर्देश दिया कि कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उनके मौजूदा विभागों के अलावा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का प्रभार भी देखेंगे।
दरअसल, हरसिमरत कौर ने गुरुवार शाम को कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है।’
हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थीं। उनका इस्तीफा शिरोमणि अकाली दल प्रमुख और उनके पति सुखबीर सिंह बादल द्वारा लोकसभा में विधेयकों को लेकर किए गए कड़े विरोध के बाद आया। बादल ने लोकसभा में विधेयकों का विरोध करते हुए कहा कि ये (विधेयक) पंजाब में कृषि क्षेत्र को तबाह कर देंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी घोषणा की कि इसके विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी।
कौर ने प्रधानमंत्री को लिखे चार पृष्ठों के अपने पत्र में कहा था कि उनके लगातार तर्क करने और उनकी पार्टी की बार-बार की कोशिशों के बावजूद केंद्र सरकार ने इन विधेयकों पर किसानों का विश्वास हासिल नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का हर सदस्य किसान है। कौर ने कहा कि अकाली दल ऐसा कर किसानों के हितों की पैरोकार होने की अपनी वर्षों पुरानी परंपरा को बस जारी रख रही है।
बता दें कि इन विधेयकों को चर्चा के बाद लोकसभा में ध्वनि मत से गुरुवार को पारित कर दिया गया। विधेयक पारित होने के बाद बादल ने बताया कि उनकी पार्टी बाद में बैठक यह फैसला करेगी कि उसे आगे क्या करना है और उसे सत्तारूढ़ राजग का हिस्सा बने रहना है या नहीं।
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