नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दक्षिण 24 परगाना जिले (Pargana Districts) के बजबज स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation Limited) की एलपीजी बॉटलिंग प्लांट (LPG Bottling Plant) में वेतन संबंधी विवाद (Salary Disputes) विरोध में बदल गया है। दरअसल, एलपीजी ट्रांसपोर्टरों और उनके ड्राइवरों के बीच वेतन को लेकर विवाद चल रहा था। विरोध प्रदर्शन मंगलावर की रात को शुरू हुआ। इसके कारण अस्थायी रूप से उत्पादन बाधित हुआ। साथ ही इसे लेकर राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया।
बीजेपी नेता और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना से संबंधित एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना तृणमूल कांग्रेस के शासन में तहत बढ़ती अराजकता और सिंडिकेट राज को दर्शाती है। इसके अलावा उन्होंने दो वीडियो भी साझा किए, जिनमें प्रदर्शनकारियों को सिलेंडरों से एलपीजी छोड़ते हुए दिखाया गया, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई।
अधिकारी ने वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि कल का विरोध प्रदर्शन, जिसमें गुस्साए श्रमिकों ने सिलेंडरों से गैस सड़कों पर छोड़ी थी, भयावह हो सकता था। अगर एक चिंगारी भी लग जाती तो बजबज बॉचलिंग प्लांट के नजदीक बीबीआईटी कॉलेज, जगन्नाथ गुप्ता मेडिकल कॉलेज और आसपास के इलाकों में भारी तबाही हो सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के आपसी गुट लोडिंग और अनलोडिंग के ठेकों को लेकर आपस में भिड़ रहे हैं, जिससे कामगारों की जान खतरे में पड़ रही है।
अधिकारी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक औद्योगिक विवाद था और पुलिस ने समय पर कार्रवाई की। सुवेंदु अधिकारी को अपने अतीत में झांकना चाहिए। वह खुद भी सिंडिकेट चलाते थे और अब भी चलाते हैं।
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