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कल औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल होगा राफेल जेट

September 09, 2020

कार्यक्रम में शामिल होने फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी आएंगी
नई दिल्ली। कल इंडियन एयरफोर्स के अंबाला एयरबेस में राफेल फाइटर जेट के इंडक्शन की औपचारिक सेरेमनी होगी। जिसमें शामिल होने फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी आ रही हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल बिपिन रावत, एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया की मौजूदगी में यह समारोह होगा। फ्रांस के साथ हुए समझौते के तहत राफेल फाइटर जेट की पहली खेप जुलाई में अंबाला एयरबेस पहुंची थी जिसमें 5 राफेल शामिल थे। फ्रांस की रक्षा मंत्री के साथ डिफेंस मैन्युफैक्चर इंडस्ट्री के कुछ प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।
अंबाला में राफेल की इंडक्शन सेरेमनी में पारंपरिक तौर पर होने वाली सर्व धर्म पूजा होगी, राफेल फाइटर जेट के साथ ही, स्वदेशी तेजस एयरक्राफ्ट का भी एयर डिस्प्ले होगा। सारंग एरोबेटिक टीम भी परफॉर्म करेगी। जिसके बाद राफेल को ट्रेडिशनल वॉटर कैनन सल्यूट दिया जाएगा। इंडक्शन सेरेमनी के बाद भारत और फ्रांस के डेलिगेशन के बीच द्विपक्षीय मीटिंग होगी।
अगले दो साल में सारे 36 राफेल एयरफोर्स को मिल जाएंगे और इससे एयरफोर्स की दो फाइटर स्क्वॉड्रन बनेगी। पहली स्क्वॉड्रन वेस्टर्न सेक्टर में यानी अंबाला में होगी और दूसरी स्क्वॉड्र्न पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में होगी जो चीन बॉर्डर पर पैदा हुआ खतरों से निपटेगी। 2016 में गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट अग्रीमेंट के जरिए 36 राफेल खरीदने की डील हुई, इसे लेकर काफी राजनीतिक विवाद भी हुआ। राफेल का पहला बैच 29 जुलाई को अंबाला एयरफोर्स बेस पहुंचा था। इनमें तीन सिंगल सीटर और दो ट्विन सीटर जेट हैं। अंबाला एयरबेस में जगुवार और मिग-21 फाइटर जेट भी हैं। राफेल का दूसरा बैच अक्टूबर तक आने की उम्मीद है। इसमें तीन से चार फाइटर जेट हो सकते हैं।
राफेल विमान भारत की ओर से पिछले दो दशक से अधिक समय में लड़ाकू विमानों की पहली बड़ी खरीद है। इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी होने की संभावना है। भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। अंबाला एयरबेस पर परिक्रमा करने के बाद गर्जना के साथ राफेल विमान लैंड हुए। इस दौरान समूचा एयरबेस राफेल की गर्जना से भर गया।
भारत ने जो 36 राफेल विमान खरीदे हैं उनमें से 30 विमान लड़ाकू जबकि छह प्रशिक्षक विमान हैं। अंबाला एयरबेस को भारतीय वायुसेना का महत्वपूर्ण बेस माना जाता है क्योंकि यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा महज 220 किलोमीटर की दूरी पर है।
फ्रांस के विमान विनिर्माता दशॉ की ओर से निर्मित 36 मीडियम मल्टी-रोल रॉफेल लड़ाकू विमानों में से पांच विमान पिछले दिनों हरियाणा के अंबाला में स्थित वायुसेना अड्डे पर सुरक्षित तरीके से उतरे। इन्हें लाने के लिए भारतीय वायुसेना का विशेष दल भेजा गया था। जांबाजों के साथ मौजूद एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वेस्टर्न एयर कमांड, एयर मार्शल बी सुरेश और एयर ऑफिसर कमांडिंग एयर फोर्स स्टेशन अंबाला।
राफेल फाइटर जेट एयरफोर्स की 17 वीं स्कवॉड्रन का हिस्सा बनेंगे। इस स्क्वॉड्रन को गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन नाम दिया गया है। 17 वीं स्क्वॉड्रन को करगिल युद्घ के दौरान पूर्व एयरफोर्स चीफ बीएस धनोवा कमांड कर रहे थे। यह स्क्वॉड्रन 1951 में बनी थी और तब भटिंडा एयरबेस से ऑपरेट करती थी। जब मिग-21 फाइटर जेट फेजआउट होने लगे तो यह 2016 में डिस्बैंड हो गई जब अब यह स्क्वॉड्रन राफेल की होगी।
फ्रांस से लिए जा रहे राफेल में भारत की जरूरत और परिस्थितियों के हिसाब से 13 बदलाव किए जाएंगे जब 2022 में सारी डिलीवरी हो जाएगी उसके बाद यह सारे बदलाव इसमें इंटीग्रेटेड होंगे। 36 राफेल जो भारत को मिलेंगे उसमें से 30 फाइटर जेट हैं और 6 ट्रेनर जेट हैं। ट्रेनर जेट दो सीटों वाले हैं और उनमें भी वह सभी फीचर हैं जो फाइटर जेट में हैं।

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