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राहुल गांधी की लोकसभा सीट रही वायनाड पर जल्‍द होगा उपचुनाव, आयोग ने दिए संकेत

नई दिल्‍ली (New Delhi) । कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के सांसद के रूप में अयोग्य होने पर रिक्त हुई केरल (Kerala) की वायनाड लोकसभा सीट (Wayanad Lok Sabha Seat) पर जल्द ही चुनाव (Election) कराया जाएगा. निर्वाचन आयोग ने वायनाड के लिए उपचुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

इसी साल 23 मार्च को 2019 के ‘मोदी सरनेम’ बयान वाले आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था.

वायनाड उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों को भेजा गया था पत्र
कोझिकोड के जिला निर्वाचन अधिकारी के नाते उपजिलाधिकारी ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 5 जून को भेजे गए एक पत्र में कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और ‘वोटर वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) प्रणालियों के सत्यापन के बाद 7 जून को ‘मॉक’ मतदान कराया जाएगा जिसके बाद वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा.

आयोग ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब दोषसिद्धि पर रोक लगाने संबंधी राहुल की याचिका खारिज करने के सूरत सत्र अदालत के आदेश के खिलाफ उनकी पुनर्विचार अर्जी गुजरात हाई कोर्ट में लंबित है.


निर्वाचन आयोग के कदम पर कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग के कदम के पीछे एक ‘रहस्य’ है. पार्टी ने सवाल किया कि आयोग ने अपील के लंबित रहते अदालत के फैसले के बारे में पहले ही कैसे जान लिया. कोझिकोड जिला कांग्रेस कमेटी प्रमुख के प्रवीण कुमार ने कहा, ‘‘राहुल की अर्जी पर हाई कोर्ट का फैसला आने से पहले ही वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. यह रहस्यमय और संदेहास्पद है.’’

उन्होंने कहा कि देश के लोग जानना चाहते हैं कि किस प्राधिकार के निर्देश पर निर्वाचन आयोग ने वायनाड लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए काम करना शुरू किया है.

केरल कांग्रेस के नेता क्या बोले?
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और विधायक मैथ्यू कुझलनदान ने आरोप लगाया कि इस कदम के पीछे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब से राहुल ने लोकसभा में दिए एक भाषण में अडानी समूह के साथ ‘संदिग्ध लेनदेन’ को उजागर किया है, केंद्र की बीजेपी सरकार उनके (राहुल के) खिलाफ जल्दबाजी में कदम उठा रही है.

उन्होंने कहा कि राहुल के निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराना भी उनके खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति का हिस्सा है. कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत के बाद राहुल और मजबूत हुए हैं और उन्हें निशाना बनाकर बीजेपी सरकार की ओर से उठाए जाने वाले किसी भी कदम से वह (राहुल) भयभीत नहीं हैं.

अयोग्य करार दिए गए राहुल गांधी
24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने संबंधी अधिसूचना जारी की थी. लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना में राहुल को सजा सुनाए जाने वाले दिन (23 मार्च) से ही अयोग्य घोषित किया गया था. राहुल को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत संसद से अयोग्य घोषित किया गया था.

लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद, चार बार के सांसद राहुल आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, जब तक कि उनकी दोषसिद्धि पर एक ऊपरी अदालत की ओर से रोक नहीं लगा दी जाती है.

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