
रायगढ़: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले (Raigad district of Maharashtra) में गुरुवार तड़के भूस्खलन (landslide) होने से बड़ी तबाही हुई है. इस घटना में मरने वालों की संख्या 16 हो गई है और 100 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने दुखद घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है. उन्होंने यह भी कहा कि घायलों के इलाज का खर्च महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) उठाएगी. भूस्खलन में लगभग 46 घर प्रभावित हुए और 20 से अधिक मिट्टी में दब गए हैं. महाराष्ट्र में बारिश को लेकर आईएमडी ने कई इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. कई जगह स्कूल बंद रखने का आदेश भी जारी किया गया.
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में हुआ. यह घटना इलाके में लगातार मूसलाधार बारिश के चलते हुई. जिस पहाड़ पर भूस्खलन हुआ था, उसकी चोटी तक पहुंचने के लिए स्पेशल ट्रैकरों को बुलाया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि ज्यादातर लोगों की मौत इसलिए हुई क्योंकि जब भूस्खलन हुआ तो वे सो रहे थे और उन्हें खुद को बचाने का मौका नहीं मिला.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्थिति का जायजा लेने के लिए सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य में लगे कर्मियों से बातचीत की. उन्होंने कहा, ‘‘अब तक, खोज और बचाव टीम ने 12 शव बरामद किए हैं. कम से कम 103 ऐसे लोगों की पहचान की गई है जो वहां रह रहे थे. उनमें से कुछ धान के खेतों में काम के लिए बाहर गए थे और कुछ बच्चे आवासीय स्कूलों में थे. उन लोगों की तलाश की जा रही है.’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्र में बचाव एवं राहत अभियान चलाने के लिए सभी प्रयास कर रही है. शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह गांव भूस्खलन संभावित गांवों की सूची में नहीं था. अब हमारी प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाना है.’’ शिंदे ने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और राज्य सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है. लगातार भारी बारिश हो रही है और मलबे का 20 फुट ऊंचा ढेर लग गया है.’’
उन्होंने कहा कि अधिकारी बचाव अभियान के लिए मशीनरी ले जाने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने बताया कि अभियान के लिए दो हेलीकॉप्टर तैयार रखे गए हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण वे उड़ान नहीं भर पाए हैं. भूस्खलन प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए (अस्थायी आश्रयों के रूप में) 50 से 60 कंटेनर की व्यवस्था की गई है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने की योजना है. शिंदे ने कहा, ‘‘हम जल्द ही भूस्खलन प्रभावित ग्रामीणों के उचित पुनर्वास के लिए कदम उठाएंगे. मैंने संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर से बात की है और इन ग्रामीणों के स्थायी पुनर्वास के बारे में तुरंत चर्चा की है. हम इसे युद्ध स्तर पर कर रहे हैं.’’ इससे पहले दिन में, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने एक बयान में कहा कि वहां 48 परिवार रह रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘घायलों का चिकित्सा व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. हम मृत व्यक्तियों के परिजनों के लिए उचित मुआवजे की घोषणा करेंगे.’’
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ की चार टीम स्थानीय अधिकारियों के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं. उन्होंने बताया कि दमकल दल और कुछ स्थानीय ट्रैकर्स भी बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि गांव में लगभग 50 घर हैं, जिनमें से 17 भूस्खलन में दब गए हैं. अधिकारियों के अनुसार, पड़ोसी ठाणे से भी बचाव दल भी मौके पर भेजे गए हैं. यह गांव मोरबे बांध से छह किमी दूर है, जो नवी मुंबई को पानी की आपूर्ति करता है. यह माथेरान और पनवेल के बीच स्थित इरशालगढ़ किले के पास स्थित है और यह किला प्रबलगढ़ का एक सहयोगी किला है.
महाराष्ट्र में बारिश को लेकर आईएमडी ने अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने गुरुवार और शुक्रवार के लिए ठाणे, रायगढ़, पुणे और पालघर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया है. मुंबई और रत्नागिरी के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया है. मौसम को देखते हुए पालघर जिले में कल भी सभी स्कूल बंद रहेंगे. बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए जिलाधिकारी ने आदेश जारी किया है. महाराष्ट्र में अब तक मानसून से कुल 43 लोगों की मौत. राज्य सरकार ने 1 जून 2023 से अब तक का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है.
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