बारां । राजस्थान के भाजपा विधायक (Rajasthan BJP MLA) कंवरलाल मीणा की विधयकी खतरे में है (Kanwar Lal Meena’s career is in Danger) । राजस्थान के बारां जिले के अंता से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मनोहर थाना कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। 20 साल पुराने एक मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई है, जिसे हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी बरकरार रखा गया है।
बुधवार सुबह करीब 10:15 बजे कंवरलाल मीणा अपने अकलेरा स्थित निवास से निकले और रास्ते में कामखेड़ा बालाजी मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद वे सीधे मनोहर थाना कोर्ट पहुंचे, जहां करीब 11:15 बजे उन्होंने सरेंडर कर दिया। कोर्ट में आत्मसमर्पण के बाद अब उन्हें जेल भेजा जाएगा।
यह मामला वर्ष 2005 का है, जब झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में उपसरपंच चुनाव के दौरान कंवरलाल मीणा पर आरोप लगा कि उन्होंने उस समय के एसडीएम रामनिवास मेहता की कनपटी पर पिस्टल तान दी थी और वोटों की दोबारा गिनती की धमकी दी थी। यही नहीं, उन्होंने मौके पर मौजूद विभागीय फोटोग्राफर का कैमरा जलाने और कैमरे की कैसेट तोड़ने का भी प्रयास किया था।
इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने वर्ष 2018 में कंवरलाल मीणा को बरी कर दिया था। लेकिन वर्ष 2020 में एडीजे कोर्ट, अकलेरा ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटते हुए उन्हें दोषी माना और तीन साल की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने 1 मई 2025 को यह सजा बरकरार रखी और अब सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई।
कंवरलाल मीणा को तीन साल की सजा मिलने के बाद अब उनकी विधानसभा सदस्यता पर भी खतरा मंडरा रहा है। संविधान के अनुच्छेद 191(1)(e) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के तहत उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जा सकती है। इसको लेकर कांग्रेस लगातार विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव बना रही है कि वे कंवरलाल मीणा की विधायकी समाप्त घोषित करें, वहीं बीजेपी इस मुद्दे पर कानूनी और संवैधानिक विकल्प तलाशने में जुटी हुई है। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में क्या निर्णय लेते हैं और मीणा की विधायकी पर क्या असर पड़ता है।
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