
बेंगलुरु । कर्नाटक (Karnataka) के प्रसिद्ध धर्मस्थल (Shrine) में कथित गुप्त दफन मामले की जांच में एक नया मोड़ आया है। विशेष जांच दल (SIT) ने गुरुवार को व्हिसलब्लोअर यानी मुखबिर द्वारा बताए गए 13वें स्थल पर खुदाई करने की योजना बनाई थी। लेकिन इसे टाल दिया गया। इसी जगह पर सबसे अधिक शवों को गुप्त रूप से दफनाए जाने का दावा किया गया है। यह स्थल नेत्रावती नदी के पास स्थित स्नान घाट के बगल में है। उम्मीद थी कि SIT गुरुवार को इस जगह की खुदाई करेगी, लेकिन बुधवार को यूट्यूबर्स और कुछ स्थानीय निवासियों के बीच हुए टकराव के बाद तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए जांच टाल दी गई।
पिछले मंगलवार से अब तक SIT ने आठ दिनों की जांच में दो कंकालों के अवशेष बरामद किए हैं। अब यह अंतिम 13वां स्थान बचा है, जहां से सबसे अधिक शवों के दफन होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ वकीलों के मुताबिक, इसी जगह सबसे अधिक गुप्त दफन किए गए थे। यह स्थल चेक डैम के दक्षिणी छोर पर स्थित है, जो अजेकारी गांव की ओर जाने वाली सड़क के पास है। पास में ही वह स्नान घाट भी है जहां तीर्थयात्री नियमित रूप से डुबकी लगाने आते हैं।
पिछले मंगलवार से अब तक SIT ने आठ दिनों की जांच में दो कंकालों के अवशेष बरामद किए हैं। अब यह अंतिम 13वां स्थान बचा है, जहां से सबसे अधिक शवों के दफन होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ वकीलों के मुताबिक, इसी जगह सबसे अधिक गुप्त दफन किए गए थे। यह स्थल चेक डैम के दक्षिणी छोर पर स्थित है, जो अजेकारी गांव की ओर जाने वाली सड़क के पास है। पास में ही वह स्नान घाट भी है जहां तीर्थयात्री नियमित रूप से डुबकी लगाने आते हैं।
गुरुवार को पुलिस ने धर्मस्थल और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी। यह कदम यूट्यूबर्स पर हुए हमले और मामले की रिपोर्टिंग में धर्मस्थल की ‘नकारात्मक छवि पेश करने’ के आरोपों के चलते उठाया गया। इसी हमले में घायल पांच यूट्यूबर्स का इलाज उजिरे के एक अस्पताल में चल रहा है, जहां एक कन्नड़ टीवी चैनल के रिपोर्टर पर भी हमला किया गया।
दक्षिण कन्नड़ पुलिस ने इन हमलों और धर्मस्थल थाने के सामने बिना अनुमति किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर सात एफआईआर दर्ज की हैं। गौरतलब है कि इस सनसनीखेज मामले में व्हिसलब्लोअर का दावा है कि दफन किए गए शव यौन शोषण की शिकार पीड़िताओं के हो सकते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यभर में इसे लेकर जनचर्चा और मीडिया कवरेज तेज हो गई है।
क्या है पूरा मामला?
धर्मस्थल गुप्त दफन मामला तब सुर्खियों में आया जब एक पूर्व सफाईकर्मी ने दावा किया कि उसने 1998 से 2014 के बीच दबाव में कई शवों को धर्मस्थल में गुप्त रूप से दफनाया था। इस कर्मी ने 13 स्थानों की पहचान की, जहां कथित तौर पर शव दफनाए गए थे। इनमें से 12 स्थलों की जांच पिछले मंगलवार से शुरू हो चुकी है, और अब तक SIT को कुछ स्थानों पर हड्डियों के टुकड़े मिले हैं।
13वें स्थल की जांच में देरी
13वां स्थल सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। व्हिसलब्लोअर के अनुसार, इस स्थल पर सबसे अधिक शव दफनाए गए हैं। हालांकि, इस स्थल के पास बिजली की लाइन और 2019 की बाढ़ के कारण जमा हुई मिट्टी ने जांच को और जटिल बना दिया है। SIT अब इस क्षेत्र में ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग करने पर विचार कर रही है ताकि हड्डियों या अन्य अवशेषों का पता लगाया जा सके।
व्हिसलब्लोअर का दावा
व्हिसलब्लोअर 1995 से 2014 तक धर्मस्थल में स्वच्छता कर्मी के रूप में कार्यरत था। उसने दावा किया है कि उसे सैकड़ों शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया, जिनमें से कई महिलाएं और नाबालिग थे, और कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न और हिंसा के निशान थे। उसने यह भी बताया कि उसने 2014 में अपनी नाबालिग रिश्तेदार के साथ यौन उत्पीड़न की घटना के बाद धर्मस्थल छोड़ दिया था। उसने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए गवाह संरक्षण योजना के तहत संरक्षण मांगा है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले ने व्यापक सामाजिक और राजनीतिक हलचल पैदा की है। कर्नाटक सरकार ने 19 जुलाई को DGP प्रोनब मोहंती के नेतृत्व में SIT का गठन किया, जिसमें DIG एम.एन. अनुचेत, IPS अधिकारी सौम्यलता और जितेंद्र कुमार दयामा शामिल हैं। धर्मस्थल मंदिर प्रशासन ने SIT जांच का स्वागत किया है और “निष्पक्ष और पारदर्शी” जांच की मांग की है।
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