
लखनऊ । सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने कहा कि एसआईआर के बहाने (Under the pretext of SIR) वोट डालने का अधिकार छीना जा रहा है (Right to Vote is being Snatched away) । उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और भाजपा दोनों मिले हुए हैं।
अखिलेश यादव ने शनिवार को राज्य के कुछ बीएलओ की मौत के बाद उनके परिजनों को आर्थिक मदद के तौर पर दो-दो लाख रुपए के चेक सौंपे । उन्होंने कहा कि अभी हम लोग मृतक बीएलओ के परिवार की 2 लाख रुपए से मदद कर रहे हैं, लेकिन सरकार से मांग है कि एक करोड़ से इस परिवार की मदद हो, सरकारी नौकरी दी जाए। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि बीएलओ पर जल्दबाजी का दबाव बनाया गया, जिसके कारण उन्होंने आत्महत्या की।
उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी की शुरुआत से मांग रही है कि बीएलओ के ऊपर काम का दबाव न बढ़ाया जाए, क्योंकि एसआईआर बहुत जिम्मेदारी का काम है और सावधानी से काम करना होता है। एक बार फॉर्म रिजेक्ट हुआ तो वोट नहीं बना तो लोगों को कागजात लेकर भाग दौड़ करने पड़ेगी।” उन्होंने सवाल उठाए कि एसआईआर को लेकर भाजपा जल्दबाजी में क्यों है? सपा प्रमुख ने दावा किया कि नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों को भी सहायक बनाया हुआ है। उन्होंने कहा, “एसआईआर के फॉर्म में कई टेक्निकल चीजें हैं, अगर वह बीएलओ नहीं कर पाता है, तो उसके लिए सहायक एक सफाई कर्मचारी बनाया गया है। इस फॉर्म को बंटवाने में जल्दी हो रही है।”
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि सरकारी डाटा बता रहा है कि सभी फॉर्म बांटे जा चुके हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर वह फॉर्म अभी नहीं बंटे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि फिर उसी तरह कलेक्शन का रिकॉर्ड बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सोची समझी साजिश और षड्यंत्र है। बाबा साहेब भीमराव की ओर से दिए गए वोट डालने के अधिकार को छीनने की तैयारी हो रही है। उपचुनावों का उदाहरण देते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि जिस समय उपचुनाव हो रहा था, चुनाव आयोग ने बूथ लुटने दिया और बीजेपी के लोगों को वोट डालने दिया। ये रणनीति है कि लोकतंत्र इस देश से खत्म हो जाए।
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