
हैदराबाद । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि एसएईएसआई फैसिलिटी (SAESI Facility) ग्लोबल एमआरओ हब के तौर पर (As Global MRO Hub) भारत की स्थिति को मजबूत करेगी (Will strengthen India’s Position) । प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को हैदराबाद में सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेस इंडिया (एसएईएसआई) फैसिलिटी का वर्चुअली उद्घाटन किया ।
उन्होंने कहा कि इससे एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (एमआरओ) के लिए ग्लोबल हब के तौर पर भारत की स्थिति काफी मजबूत होगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इवेंट में शामिल हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट एविएशन सेक्टर में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एसएईएसआई फैसिलिटी, एलईएपी इंजन के लिए सफ्रान का डेडिकेटेड एमआरओ सेंटर है, जो एयरबस ए320एनईओ और बोइंग 737 एमएएक्स जैसे पॉपुलर एयरक्राफ्ट को पावर देता है। ऑफिशियल जानकारी के मुताबिक, यह पहली बार है जब किसी ग्लोबल एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर ने भारत में एमआरओ फैसिलिटी बनाई है, जो देश की एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा माइलस्टोन है।
जीएमआर एयरोस्पेस एंड इंडस्ट्रियल पार्क-एसईजेड में 45,000 स्क्वायर मीटर में फैली यह फैसिलिटी लगभग 1,300 करोड़ रुपए के शुरुआती इन्वेस्टमेंट से बनाई गई है। 2035 तक पूरी तरह चालू होने के बाद, यह हर साल 300 एलईएपी इंजन की सर्विस कर पाएगा और 1,000 से ज्यादा बहुत कुशल भारतीय इंजीनियरों और टेक्नीशियन को काम देगा। यह यूनिट वर्ल्ड-क्लास मेंटेनेंस और रिपेयर सर्विस देने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस है।
अधिकारियों ने कहा कि नया एमआरओ सेंटर विदेशी सुविधाओं पर भारत की निर्भरता कम करने, विदेशी मुद्रा के आउटफ्लो में कटौती करने और घरेलू एविएशन सप्लाई चेन को मजबूत करने में मदद करेगा। इससे हाई-वैल्यू रोजगार पैदा होने और भारत के एक बड़ा ग्लोबल एविएशन हब बनने के लक्ष्यों को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने कहा कि वह एविएशन सेक्टर की तेज ग्रोथ के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए एक मजबूत एमआरओ इकोसिस्टम बनाने के लिए एक्टिव रूप से काम कर रही है। हाल के पॉलिसी कदमों, जैसे 2024 के जीएसटी सुधार, एमआरओ गाइडलाइंस, 2021, और नेशनल सिविल एविएशन पॉलिसी, 2016, ने टैक्सेशन को आसान बनाया है और रॉयल्टी का बोझ कम किया है, जिससे कंपनियों के लिए भारत में एमआरओ सुविधाएं चलाना आसान हो गया है।
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