
भोपाल। 22 मार्च से हिन्दी पंचांग का नया विक्रम संवत 2080 शुरू हो रहा है। इस नव संवत् का नाम नल है। इस नए वर्ष के राजा बुध हैं और मंत्री शुक्र हैं। पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि बुध और शुक्र की वजह से नववर्ष सभी के लिए शुभ रहेगा। इस वर्ष कर्कोटक नामक नाग रहेगा, तम नाम का मेघ बारिश करेगा। शुक्र के मंत्री होने से वैभव और संपत्तियों में बढ़ोतरी होगी। चैत्र नवरात्रि की अंतिम तिथि नवमी पर श्रीराम का प्रकट उत्सव मनाया जाएगा। नवरात्रि में श्रीराम चरित मानस का पाठ करना चाहिए और अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करना चाहिए। इस चैत्र में नवरात्रि की शुरुआत में गुरु अपनी राशि मीन में सूर्य के साथ रहेगा। शनि अपनी राशि कुंभ में है। शुक्र और राहु की युति मेष राशि में रहेगी। शनि की तीसरी पूर्ण दृष्टि शुक्र-राहु पर रहेगी। इस वजह से चैत्र नवरात्रि में तंत्र से जुड़े काम जल्दी सफल हो सकते हैं। ये नवरात्रि सभी को सफलता दिलाने वाली रहेगी। इस समय में संयम से काम करेंगे तो बेहतर रहेगा।
दुर्गा जी का आगमन नौका पर सवार होकर हो रहा
इस वर्ष मां भगवती दुर्गा जी का आगमन नौका पर सवार होकर हो रहा है। शास्त्रों में मां के इस रूप को भक्तों की समस्त कामनाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पूरे नौ दिन की नवरात्रि होगी। धर्माधिकारी पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि चैत नवरात्रि के पहले दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योगो मे घटस्थापना भक्तों के लिए बहुत ही लाभदायक और उन्नति कारक सिद्ध होगा। चैत नवरात्रि के बीच तीन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे।
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