भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

जिस कंपनी को रोजगार कार्यालयों का जिम्मा सौंपा उसने सरकार को ठगा

  • मंत्री ने विधानसभा में दी जानकारी

भोपाल। मप्र सरकार ने मई 2018 में प्रदेश के 15 रोजगार कार्यालयों का जिम्मा महाराष्ट्र की कंपनी ‘यशस्वी अकैडमी फॉर टैलेंट मैनेजमेंटÓ को दिया था। कंपनी ने मप्र के युवाओं को रोजगाद देने के नाम पर मप्र सरकार के साथ भी ठगी कर ली। कंपनी से रेाजगार की जितनी संख्या सरकार को गिनाई, उतनी संख्या में युवाओं रोजगार दिए नहीं थे। बाद में कंपनी की गड़बड़ी सामने आने के बाद सरकार ने कंपनी को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि तब तक कंपनी सरकार करोड़ों रुपए ले चुकी थी। यह जानकारी मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में दी है। कंपनी ‘यशस्वी अकैडमी फॉर टैलेंट मैनेजमेंटÓ को प्रदेश में हर साल 35000 युवाओं को रोजगार देने का टारगेट दिया गया था। पर 1 अक्टूबर 2020 से मार्च 21 मात्र 6 माह सिर्फ कंपनी को 25000 बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का टारगेट अनुबंध अनुसार दिया गया था। जिसमें कंपनी द्वारा 11680 युवाओं को रोजगार देना बताया गया , परंतु जब जांच की गई तो पता चला मात्र 4421 युवाओं को ही रोजगार मिला है । जबकि 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 32,848 बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का टारगेट रखा गया था। कंपनी इस एक वित्तीय वर्ष में एक भी बेरोजगार युवा को रोजगार नहीं दे पाई। 2 साल में मात्र कंपनी ने 4421 युवाओं को रोजगार दिया। जिसके एवज में सरकार से 417,75000 रुपए फीस के बतौर कंपनी को भुगतान किया। जो प्रति बेरोजगार को रोजगार दिलाने के नाम पर 9450 रुपए फीस के बराबार कंपनी ने सरकार से चार्ज किए। वही 4421 बेरोजगार युवाओं को अधिकांश को 7 हजार से 10 हजार प्रति माह की नौकरी देना कंपनी ने बताया है।


प्रदेश में पंचायत सचिव से लेकर संचालक तक ईओडब्ल्यू में फंसे
प्रदेश में पंचायतों में भ्रष्टाचार किस तरह से हावी है, इसका अंदाजा पंचायत मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया द्वारा विधानसभा में विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में बताया है। पंचायत सचिव से लेकर पंचायत संचालक तक ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त के शिकंजे में फंसे हैं। मंत्री ने जांच एजेंसी में लंबित अफसरों की जानकारी भी दी है। मंत्री ने बताया कि पिछले तीन साल में जांच एजेंसी लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू को 125 अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। जबकि 2015 में अनूपपुर के तत्कालीन कलेक्टर नंदकुमार एवं जिला पंचायत सीईओ अमरपाल सिंह के खिलाफ भी ईओडब्ल्यू में शिकायत लंबित है। दोनों के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने की शिकायत है। अमरपाल सिंह वर्तमान में पंचायत संचालनालय के संचालक हैं। जबकि नंदकुमारम़ प्रशिक्षण अकादमी मैसूर में पदस्थ हैं।

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