
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बहराइच जिले (Bahraich district) में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस (Idol immersion procession) के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की हत्या मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आज दोषियों को सजा सुनाई. बहराइच कोर्ट ने राम गोपाल की हत्या के आरोपी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
बता दें कि कोर्ट ने 9 दिसंबर को 13 आरोपियों में से 10 को दोषी ठहराया था, जबकि तीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. दोषी ठहराए गए आरोपी अब्दुल हमीद, उसके बेटे फहीम, सरफराज, तालिब, सैफ, जावेद, जीशान, ननकऊ, शोएब और मारुफ हैं. इनमें से सरफराज को फांसी की सजा मिली है. शासकीय अधिवक्ता प्रमोद सिंह ने बताया कि महज 13 महीने 26 दिन में ट्रायल पूरा होकर फैसला आया, जो तेज न्याय का उदाहरण है.
घटना महसी थाना क्षेत्र के महराजगंज में हुई थी, जहां डीजे पर बजते गाने को लेकर विवाद शुरू हुआ. पथराव और फायरिंग में राम गोपाल मिश्रा को गोली लगी और उनकी मौत हो गई. पुलिस ने 11 जनवरी 2025 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, 18 फरवरी को दोषियों पर आरोप तय हुए. 12 गवाहों की गवाही के बाद 21 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा लिया गया. आरोपियों पर BNS की धारा 103(2) (मॉब लिंचिंग में हत्या) लगी है, जिसमें फांसी या आजीवन कारावास का प्रावधान है. अन्य धाराएं 191(2), 191(3), 190, 109(2), 249, 61(2) और आर्म्स एक्ट की धारा 30 हैं, जिनमें 2 से 5 वर्ष तक की सजा या मौत की सजा तक हो सकती है.
9 दिसंबर को जब कोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी कर दिया था, तब राम गोपाल मिश्रा की पत्नी रोली मिश्रा ने कहा था कि, “मेरे पति के हत्यारों को फांसी दो, तभी न्याय मिलेगा. बरी किए गए तीन भी दोषी हैं, उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए.” परिवार ने सभी दोषियों को मौत की सजा की मांग की है. बरी हुए खुर्शीद, शकील और अफजल हैं. मामले में रासुका भी लगाई गई थी. प्रशासन ने इलाके में भारी फोर्स तैनात की है, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे. CM योगी आदित्यनाथ ने पहले ही सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था.

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