img-fluid

वैज्ञानिकों का दावा, इस वजह से बढ़ रहा फैटी लिवर की समस्‍या का खतरा

October 25, 0201

वाशिंगटन। हाल ही में चीन आधारित अध्ययन में पाया गया है कि खाने पीने में अनियमितता और खराब जीवनशैली के साथ ही बढ़ते वायु प्रदूषण (air pollution) की वजह से फैटी लिवर (fatty liver) की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। पूरी दुनिया में फैटी लिवर रोग (एमएएफएलडी) एक बड़ी स्वास्थ्य समय बनती जा रही है। भारत में भी पिछले कुछ वर्षों में यकृत की बीमारी से जुड़े मरीज बढ़े हैं।

जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों का दावा (Scientists claim) है कि वायु प्रदूषण की वजह से फैटी लिवर की बीमारी बढ़ी है। दुनियाभर में 1980 के दशक से फैटी लिवर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। एशिया में 2012 से 2017 के बीच ऐसे मरीजों की संख्या 40 फीसदी बढ़ गई है। लिवर की बढ़ती बीमारी से लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर, लिवर प्रत्यारोपण व इससे जुड़़ी बीमारियों के कारण मौतों में भी बढ़ोतरी देखी गई है।

जानवरों पर किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि सांस के जरिए प्रदूषक कणों के शरीर में पहुंचने से फैटी लिवर की बीमारी(Disease) का खतरा बढ़ सकता है। हवा में मौजूद महीन कण शरीर में पहुंचकर एक नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (एनएएसएच) जैसे फेनोटाइप को बढ़ा सकते हैं, इससे हेपेटिक ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म बिगड़ सकता है जिससे फैटी लिवर की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।


शोध में शामिल वेस्ट चाइना स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड वेस्ट चाइना फोर्थ हॉस्पिटल, सिचुआन यूनिवर्सिटी, चेंगदू के प्रमुख शोधकर्ता जिंग झाओ के मुताबिक, फैटी लिवर की महामारी और औद्योगीकरण के साथ-साथ पर्यावरण और जीवनशैली में बदलाव के चलते पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। शोध में पाया गया कि वायु प्रदूषण के चलते मेटाबॉलिज्म में दिक्कतें आने से इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) और डिस्लिपिडेमिया, और टाइप 2 मधुमेह मेलिटस और मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम(metabolic syndrome) जैसी संबंधित बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है яндекс

अध्ययन के लिए करीब 90,000 चीन के वयस्कों को शामिल किया गया। इसमें लोगों से बातचीत, उनकी जीवन शैली उनके परिवेश के साथ ही स्वास्थ्य जांच से जुड़े आंकड़े जुटाए। शोधकर्ताओं ने पाया कि वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से फैटी लिवर की बीमारी बढ़ सकती है, खासकर उनमें जो पुरुष धूम्रपान करते हैं या शराब का सेवन करते हैं या फिर बहुत ज्यादा तेल वाना खाना खाते हैं।

बचाव के लिए क्या करें
विशेषज्ञों के मुताबिक, अध्ययन के नतीजों पता लगता है कि वायु प्रदूषण से हमारे शरीर की मेटाबॉलिक प्रक्रिया और अंगों पर असर पड़ता है। शोध में शामिल विशेषज्ञ की मानें तो ज्यादा मेहनत का काम करके और शारीरिक गतिविध बढ़ाने के साथ पौष्टिक भोजन लेकर फैटी लिवर की बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।

Share:

  • लंदन में राणा कपूर की संपत्ति होगी जब्त

    Wed Jul 8 , 2020
    नई दिल्‍ली. प्रवर्तन निदेशालय तेजी से राणा कपूर पर कार्रवाई करने में लगा हुआ है। अब ईडी यस बैंक मामले में पहली बार विदेश में स्थित संपत्ति को अपने कब्जे में लेगी। प्रवर्तन निदेशालय सेंट्रल लंदन की संपत्ति के साथ-साथ अगले हफ्ते राणा कपूर से संबंधित लगभग 50 करोड़ रुपये मूल्य की सावधि जमा को […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved