वीजिंग। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) रविवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन (China) के तियानजिन शहर पहुंचे। उन्होंने कहा कि रूस और चीन ने ब्रिक्स देशों (BRICS countries) के सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले ‘भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों’ के खिलाफ एकजुट रुख अपनाया है। माना जा रहा है कि पुतिन ने चीन की धरती से अमेरिका को संदेश दिया है कि ‘भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों’ के खिलाफ वे एकजुट हैं। पुतिन ने यह बातें चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ से बातचीत में कही।
उन्होंने कहा कि रूस और चीन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर ध्यान दे रहे हैं और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए ब्रिक्स की क्षमता को मजबूत करने के लिए एकजुट हैं। पुतिन ने कहा कि मॉस्को और बीजिंग ब्रिक्स सदस्यों और वैश्विक स्तर पर ‘सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों’ के खिलाफ साझा रुख अपनाते हैं। पुतिन ने कहा कि रूस और चीन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में सुधार का समर्थन करते हैं।
पुतिन ने उम्मीद जताई कि तियानजिन में होने वाला एससीओ शिखर सम्मेलन 10-सदस्यीय संगठन को नई गति देगा, समकालीन चुनौतियों और खतरों का सामना करने की इसकी क्षमता को मजबूत करेगा, तथा यूरेशियाई क्षेत्र में एकजुटता को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि इससे अधिक न्यायसंगत बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था को आकार देने में मदद मिलेगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, पुतिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वार्ता करेंगे और द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित परेड में भी शामिल होंगे।
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