
हैदराबाद (Hyderabad)। वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India- SII) ने रविवार को घोषणा की कि वह हैदराबाद (Hyderabad) में संक्रामक रोगों और महामारी (Infectious diseases and epidemics) से लड़ने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (center of excellence-COE) स्थापित करेगा। एसआईआई की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘डॉ. साइरस पूनावाला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इंफेक्शियस डिजीज एंड पैनडेमिक प्रिपेयरनेस’ केंद्र इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, हैदराबाद में स्थित होगा।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान सूचना, संसाधनों और सहायता के लिए समुदाय को एक केंद्रीकृत स्थान प्रदान करने के लिए की जा रही है। विज्ञप्ति में कहा गया है यह केंद्र सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने और संक्रामक रोगों के प्रकोप के दौरान प्रतिक्रिया प्रयासों के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले साल दावोस में विश्व आर्थिक मंच के दौरान एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला के साथ तेलंगाना के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामा राव की बैठक में इस केंद्र के लिए चर्चा शुरू हुई थी। इसे स्थापित करने की योजना की घोषणा रविवार को पूनावाला के साथ रामा राव की आभासी बैठक के बाद की गई।
रामा राव ने कहा कि संक्रामक रोगों और महामारी की तैयारी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन हमारे समुदाय के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा के लिए हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। संसाधनों और विशेषज्ञता के साथ हम किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति के लिए त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित कर सकते हैं।
अदार पूनावाला ने कहा कि यह केंद्र सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा और आउटरीच, संक्रामक रोगों की निगरानी और ट्रैकिंग, स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ प्रतिक्रिया प्रयासों के समन्वय और महामारी से प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों के लिए सूचना और सहायता के प्रावधान सहित कई तरह की सेवाएं प्रदान करेगा।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, हैदराबाद के प्रोफेसर श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि संक्रामक रोगों और महामारी की तैयारी के लिए डॉ. साइरस पूनावाला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बेहतर रोकथाम, पूर्व-सूचना देने, तैयारी करने और त्वरित प्रतिक्रिया के माध्यम से महामारी के खतरों का अनुमान लगाने, टालने और क्षीण करने की भारत की क्षमता को मजबूत करने में मदद करेगा।
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