img-fluid

69 साल के भारतीय हाथी की मौत से शोक में डूबा श्रीलंका, राष्ट्रपति ने भी जताया दुख

March 09, 2022

नई दिल्ली। श्रीलंका (Sri Lanka) एक बेहद चर्चित भारतीय हाथी की मौत का शोक मना रहा है। यह हाथी पिछले करीब 50 सालों से श्रीलंका में रह रहा था। श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) ने इसे ‘राष्ट्रीय खजाना’ बताया था। 69 साल की उम्र में ‘नाडुंगमुवा राजा’ हाथी की मौत हुई है।

राष्ट्रपति ने बताया राष्ट्रीय खजाना
नाडुंगमुवा राजा कैंडी (nadungmuwa king candy) जिले के पेराहेरा उत्सव और सालाना पवित्र समारोहों में भाग लेता था। उसकी मौत के बाद बौद्ध पुजारियों सहित कई लोगों ने विदाई दी है। राष्ट्रपति राजपक्षे ने अधिकारियों को राजा के शरीर को ‘भविष्य की पीढ़ियों’ के लिए संरक्षित करने का आदेश दिया है। उन्होंने हाथी राजा को ‘राष्ट्रीय खजाना’ बताया है।



मैसूर का था हाथी राजा
दी हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1954 में राजा का जन्म मैसूर में हुआ था। हाथी राजा महाराजा जयचामाराजेंद्र वाडियार के पास रहते थे। एक आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर हर्ष धर्मविजय के मुताबिक राजा जयचामाराजेंद्र ने बीमारी के इलाज के लिए एक श्रीलंकाई भिक्षु चिकित्सक को नाडुंगमुवा राजा को उपहार में दिया था।

गुड़ था बहुत पसंद
हिंदू की एक रिपोर्ट बताती है कि राजा से मिले गिफ्ट को भिक्षु डॉक्टर ने कोलंबो के दक्षिण में होराना में एक लकड़ी मिल को बेच दिया था। लंबे और जबरदस्त दांतों वाले शानदार हाथी को लट्ठ उठाकर ले जाते देखकर परेशान हुए डॉक्टर धर्मविजय के पिता ने उसे खरीद लिया था। नाडुंगमुवा राजा के महावत विल्सन कोडडिथुवाक्कू ने हिंदू से बातचीत में बताया है कि उसे नियमित भोजन के साथ ही कई फल दिए जाते थे। उस गुड़ बहुत पसंद था।

Share:

  • भिखारियों को पकडऩे के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड, होम गार्ड जवान भी रहेंगे शामिल

    Wed Mar 9 , 2022
    मंदिरों के बाहर लोगों से करते हैं छीना-झपटी, कई हिंसक घटनाएं भी सामने आई, महिलाओं के लिए भी अलग से बनेगा पुनर्वास केन्द्र इंदौर। शहरभर में भिखारियों की समस्या कम होने की बजाय बढ़ गई है, वहीं मंदिरों के बाहर बैठने वाले भिखारियों (beggars) द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं (devotees) के साथ छीना-झपटी करने, गंदगी फैलाने […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved