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छात्रों के एक ग्रुप ने देखी BBC डॉक्यूमेंट्री, दूसरे ने चला दी ‘द कश्मीर फाइल्स’, हैदराबाद यूनिवर्सिटी में मचा बवाल

हैदराबाद (Hyderabad) । गुजरात दंगा 2002 (gujarat riots 2002) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की भूमिका पर सवाल उठाती बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री (documentary) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हैदराबाद यूनिवर्सिटी (Hyderabad University) में छात्रों (students) के बीच रार खत्म ही नहीं हो रही है। गुरुवार को विवि में मामला और तब बिगड़ गया जब, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) में 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी के विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया, दूसरी ओर आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी ने भी परिसर में ‘द कश्मीर फाइल्स’ मूवी चला दी। इससे पहले कैंपस में छात्रों के एक ग्रुप ने 21 जनवरी को बिना किसी अनुमति के बीबीसी डॉक्यूमेंट्री चलाई थी। जिस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ऐक्शन लेते हुए रिपोर्ट तलब की थी।

यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग पर केंद्र द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगाई गई है। वहीं, गुरुवार को एसएफआई एचसीयू द्वारा ट्वीट कर कुछ तस्वीरें जारी की गई। जिसमें लिखा गया, “एसएफआई सीईसी के आह्वान के बाद गणतंत्र दिवस पर एसएफआई एचसीयू द्वारा डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की सफल स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग के लिए 400 से अधिक छात्र पहुंचे, जिन्होंने झूठे प्रचार और एबीवीपी के प्रयासों को खारिज किया।”


वहीं, दूसरी ओर एसएफआई को जवाब देने के लिए विवि की एबीवीपी विंग ने परिसर में ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग का आयोजन किया। विवेक अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित यह बॉलीवुड फिल्म पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार की कहानी बताती है।

इससे पहले, एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने विश्वविद्यालय के मेन गेट के सामने धरना दिया और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें स्क्रीनिंग उपकरणों के साथ विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया। उन्होंने धरना दिया और विश्वविद्यालय प्रशासन से जानना चाहा कि एसएफआई को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की अनुमति कैसे दी गई और कहा कि वे इसकी स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं देंगे।

कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की। जब ABVP कार्यकर्ता मुख्य द्वार से प्रोजेक्टर ला रहे थे, विश्वविद्यालय सुरक्षा ने हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। प्रशासन द्वारा हमारे प्रोजेक्टर को जब्त करने का एक और प्रयास किया गया। हमने विरोध किया। हमने छात्र समुदाय से बड़ी संख्या में अंबेडकर चौक (नॉर्थ शॉपकॉम) में शामिल होने की अपील की है।”

उधर, यूओएच के रजिस्ट्रार देवेश निगम ने एक बयान में कहा कि डीन-स्टूडेंट्स वेलफेयर ने छात्र समूहों की काउंसलिंग की थी और कानून और व्यवस्था के मुद्दे, परिसर में शांति और शांति बनाए रखने और आगामी सेमेस्टर परीक्षाओं के मद्देनजर फिल्मों की स्क्रीनिंग नहीं करने की अपील जारी की थी। परीक्षाएं अगले सप्ताह से शुरू हो रही हैं। हालांकि, छात्रों ने अपने कार्यक्रम कार्यक्रम के साथ ही आगे बढ़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “हमें पता चला है कि एक समूह ने छात्रावास में स्क्रीनिंग की थी।”

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