
भोपाल: शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूल (School) निजी व्यापार (Private Business) का केंद्र बनते जा रहे हैं. ये आरोप नया नहीं हैं, लेकिन निजी स्कूलों की मनमानी के पिछले कुछ दिन में जो मामले सामने आए हैं, उससे सवाल खड़े हो रहे हैं. पैरेंट्स (Parents) को अलग-अलग कारणों से टीसी (TC) थमाई जा रही है और बच्चों को बीच सत्र में एडमिशन (Admission) के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. परेशान अभिभावक अब स्कूलों की इस तानाशाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.
एक तरफ हर साल पर नया सत्र शुरू होता है, तो निजी स्कूल बच्चों को अलग-अलग ऑफर देकर एडमिशन के लिए अप्रोच करते हैं, लेकिन ताजा मामला राजधानी भोपाल के 2 अलग-अलग स्कूलों का सामने आया है. जहां छात्रों को बीच सत्र में ज्यादा मस्ती करने तो एक छात्र को बीमार बताकर अचानक टीसी थमाए जाने से अभिभावक हैरान-परेशान हैं.
पैरेंट्स का आरोप है कि मेरे बच्चे को पहले तो स्कूल बस फेसिलिटी देने से मना कर दिया और पूछने पर ज्यादा मस्ती करने का हवाला दिया फिर बच्चे की टीसी थमा दी. वहीं एक अन्य पैरेंट्स ने कहा- हमसे बिना पूछे ही बच्चे का मेडीकल करा दिया और बीमार बताकर टीसी थमा दी. अब हमें और हमारे बच्चे को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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