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केंद्र सरकार ने संसद में बताया, बेरोजगारी और कर्ज में डूबे होने से कितने लोगो ने दी अपनी जान

नई दिल्ली। सरकार (Government) ने बुधवार को कहा कि 2018 से 2020 के बीच 16000 से अधिक लोगों ने दिवालिया (bankrupt) होने या कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या (suicide) कर ली जबकि 9140 लोगों ने बेरोजगारी के चलते अपनी जान दे दी। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Minister of State for Home Nityanand Rai) ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा (Rajya Sabha) को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2020 में 5213 लोगों ने दिवालियापन यह कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या की जबकि 2019 में यह संख्या 5908 और 2018 में 4,970 थी।


राय ने कहा कि कि 2020 में 3,548 लोगों ने जबकि 2019 में 2,851 और 2018 में 2,741 लोगों ने बेरोजगारी (Unemployment) के चलते आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि सरकार मानसिक स्वास्थ्य (government mental health) पर ध्यान केंद्रित करके और रोजगार के अवसर पैदा कर इस मुद्दे का समाधान करने की कोशिश कर रही है। संसद (Parliament) में जारी बजट सत्र के दौरान, विभिन्न विपक्षी सांसदों द्वारा बेरोजगारी का मुद्दा कई बार उठाया गया है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि बजट कोविड -19 के मद्देनजर देश के सामने आने वाले मुद्दे से निपटने के लिए बहुत कम प्रदान करता है।

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