
चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने एक व्यक्ति (Person) की मौत की सजा को उम्र कैद (Life Imprisonment) में बदल दिया है। यह व्यक्ति अपनी पूर्व प्रेमिका (Ex-Lover) को 2022 में सेंट थॉमस माउंट स्टेशन पर ट्रेन के आगे धक्का देकर मारने के मामले में दोषी पाया गया था। डी. सतीश नाम के इस व्यक्ति ने ब्रेकअप के बाद लड़की को ट्रैक पर धक्का दे दिया था। लड़की के उठने से पहले ही ट्रेन उसके ऊपर से गुजर गई। जस्टिस एन सतीश कुमार और जस्टिस एम जोथीरामन की डिवीजन बेंच ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया।
बेंच ने निर्देश दिया कि आरोपी को 20 साल की कैद पूरी होने से पहले कोई भी कानूनी छूट या सजा में कमी नहीं मिलेगी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने ट्रेन आते हुए देखकर लड़की को ट्रैक पर धक्का दिया था इससे साफ है कि उसका इरादा हत्या का था। आरोपी और मृतका के बीच प्रेम संबंध था। यह बात न सिर्फ अभियोजन पक्ष के गवाहों से साबित हुई, बल्कि अन्य सबूतों से भी इसकी पुष्टि हुई। आरोपी लड़की का पीछा करता था और उसे परेशान करता रहता था। उसके खिलाफ शिकायतें भी दर्ज थीं।
आरोपी ने लड़की के कॉलेज के सामने हंगामा भी किया था। इसलिए, लड़की ने जब उसके साथ ब्रेकअप कर लिया तो उसने उसकी जान लेने की ठान ली। बेंच ने गवाहों के बयानों और सबूतों का विश्लेषण करते हुए कहा कि आरोपी ने गुस्से में आकर, इश्क में नाकामी की वजह से लड़की को धक्का दिया। घटना वाले दिन और उसके एक दिन पहले भी वह स्टेशन पर इंतजार कर रहा था। इससे साफ है कि उसने योजना बनाकर लड़की को मारने का इरादा किया था। कोर्ट ने कहा कि आरोपी का यह कृत्य किसी भी अपवाद में नहीं आता, जैसा कि उसके वकील ने दावा किया था।
अदालत ने कहा कि आरोपी पर IPC की धारा 302 के तहत आरोप साबित होता है, इसलिए वह मौत की सजा का हकदार है। बेंच ने आगे कहा कि लड़की की मौत से उसका परिवार बर्बाद हो गया। उसके पिता ने खुदकुशी कर ली और कैंसर से पीड़ित मां की भी मौत हो गई। आरोपी के इस कृत्य से पूरा परिवार तबाह हो गया। आरोपी मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान था। इश्क में नाकामी की मायूसी ने उसे यह कदम उठाने पर मजबूर किया। कोर्ट ने आरोपी की सजा को कम करते हुए उसकी उम्र और पुराना आपराधिक रिकॉर्ड न होने की बात को भी ध्यान में रखा।
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