
लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ने डालीबाग की प्राइम लोकेशन पर कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी (Mafia Mukhtar Ansari) की जब्त कोठी को ध्वस्त कर गरीबों (Poor) के लिए बनाए गए फ्लैटों (Flats) की बिक्री पर बड़ा फैसला लिया है. प्राधिकरण ने इन आवासों को 25 साल तक बेचने, किराए पर देने या ट्रांसफर करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. इसका मकसद सरकारी योजना की मूल भावना को कायम रखना और बिचौलियों को सेंध लगाने से रोकना है.
आवासीय प्रोजेक्ट सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर बनाया गया है. हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर में 72 गरीब परिवारों को चाबी सौंपकर इसका उद्घाटन किया था. डालीबाग जैसी पॉश इलाके में बने इन फ्लैटों की कीमत बाजार में करोड़ों में आंकी जा रही है, लेकिन LDA को डर था कि कुछ लोग इन्हें हड़पकर ऊंची कीमत पर बेच देंगे. इसी आशंका को दूर करने के लिए 25 साल की बिक्री रोक का निर्णय लिया गया.
LDA के अधिकारियों के मुताबिक, लाभार्थी फ्लैट के मालिक तो बनेंगे, लेकिन वे इसे बेच, किराए पर या किसी को ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे. मकान केवल आवंटित परिवार के नाम पर ही रहेगा. प्राधिकरण ने रजिस्ट्री की शर्तों में इस प्रतिबंध को स्पष्ट रूप से शामिल करने के लिए निबंधन विभाग को पत्र भेजा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है, ताकि योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक ही पहुंचे.
चाबी सौंपते समय CM योगी ने साफ कहा था कि माफिया गरीबों की जमीन हड़पते थे, अब उनका वही हाल होगा जो प्रयागराज और लखनऊ में हुआ. माफिया किसी के नहीं होते, वे गरीबों का शोषण करते हैं, व्यापारियों का अपहरण कर संपत्ति बनाते हैं. इसी के साथ वह बेटियों के लिए खतरा पैदा करते हैं. पहले की सरकारें उनके आगे झुकती थीं, लेकिन अब हमने उन्हें उसी भाषा में जवाब दिया जो वे समझते हैं.
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