
सूरत: सूरत नगर निगम से संचालित एक स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है और सूरत में दो रिसोर्स कोऑर्डिनेटरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सूरत नगर निगम स्कूल बोर्ड ने पाया कि इस साल जनवरी से जुलाई के बीच कक्षा 8 से नीचे के 46 छात्रों को कथित तौर पर स्कूल से लीविंग सर्टिफिकेट दिए गए.
एसएमएसबी के प्रशासनिक अधिकारी मेहुल पटेल को इस मामले में एक रिपोर्ट सौंपने के लिए एक जांच समिति भी बनाई गई है. यह मामला तब सामने आया जब एक अभिभावक ने एसएमएसबी सदस्य स्वाति सोसा से शिकायत की कि पालनपुर कैनाल रोड पर सूरत नगर निगम द्वारा संचालित स्कूल नंबर 318 में पढ़ने वाले उनके तीन बच्चों को प्रिंसिपल विजय जांजरुकिया ने अनियमित उपस्थिति के कारण जबरन लीविंग सर्टिफिकेट दे दिए.
अभिभावक ने एसएमएसबी सदस्य स्वाति सोसा से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. रिपोर्ट के मुताबिक शिकायत के बाद एसएमएसबी ने एक प्राथमिक जांच शुरू की. जिसमें पाया गया कि स्कूल ने इस साल जुलाई तक 46 छात्रों को लीविंग सर्टिफिकेट जारी किए थे. मेहुल पटेल ने प्रिंसिपल से स्पष्टीकरण मांगा. हालांकि संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देने के बाद बुधवार को जांजरुकिया को निलंबित कर दिया गया.
प्रशासनिक अधिकारी ने शहरी रिसोर्स कोऑर्डिनेटर (URC) रमेश पटेल और क्लस्टर रिसोर्स कोऑर्डिनेटर (CRC) सोनल पटेल को नगरपालिका स्कूल बोर्ड को मामले की रिपोर्ट नहीं करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी दिया. शहरी और क्लस्टर रिसोर्स कोऑर्डिनेटर- वे शिक्षक हैं, जिन्हें विशेष रूप से सरकारी और प्राथमिक विद्यालयों में निरीक्षण करने के लिए भर्ती किया जाता है.
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