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बच्चों में कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा एंडीबॉडीज के बाद भी बना रहता है, शोध

वाशिंगटन । कोरोनावायरस महामारी बुजुर्गों के साथ बच्चों के लिए भी बहुत घातक है. एक शोध के मुताबिक एंटीबॉडीज बच्चों में कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा रोकने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है. रिसर्च के मुताबिक भले ही बच्चों के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता अच्छी होती है, लेकिन यह कोरोनावायरस से बच्चों की रक्षा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. अच्छे दर्जे के एंटीबॉडीज भी बच्चों में वायरस के खतरे को कम नहीं कर सकते.

अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में चिल्ड्रन नेशनल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके मुताबिक सारस-सीओवी-2 के लिए 6,369 बच्चों पर कोरोनावायरस के कारणों का परीक्षण किया गया, वहीं 215 बच्चों को इस प्रक्रिया में एंटीबॉडी परीक्षण से भी गुजरना पड़ा. 13 मार्च से 21 जून के बीच हुए इस परीक्षण में 33 बच्चों में एक ही वक्त में वायरस और एंडीबॉडीज दोनों की मौजूदगी देखी गई. जिसके बाद डॉक्टर्स की चिंता और भी बढ़ गई है. बच्चों पर अध्ययन करने वाले बुरक बहार के मुताबिक एंटीबॉडीज मौजूद होने के बाद भी बच्चों में संक्रमण बढ़ने की क्षमता कम नहीं हुई है.

अध्ययनकर्ता बुरक बहार के मुताबिक इस हफ्ते भारत में कोरोनावायरस के आंकड़ों से पता चला है कि बच्चों में कोरोनावायरस का खतरा ज्यादा बढ़ा है, लेकिन वहीं दूसरी रिसर्च में यह भी सामने आया है कि बच्चे वायरस से आसानी से लड़ सकते हैं. चिल्ड्रन्स नेशनल हॉस्पिटल के मुताबिक 16 और 22 दिनों के मरीजों की तुलना में 6 से 15 दिनों के मरीजों को वायरस को खत्म करने में ज्यादा समय लगता है.

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