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जानलेवा है कोरोना का दूसरी लहर, जानें क्या करें, कैसे बचें

नई दिल्ली। कोरोना वायरस(Corona Virus) की दूसरी लहर(Second Wave) अब जानलेवा हो चुकी है। पहली बार एक दिन में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है। वहीं, देश में लगातार तीसरे दिन दो लाख से अधिक नए केस मिले हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र (Maharastra)के साथ अब उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में भी हालात गंभीर हो चुके हैं। यहां पहली लहर की तुलना में अब तीन गुना अधिक मामले सामने आने लगे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने शनिवार को बताया कि पिछले एक दिन में 2,34,692 कोरोना संक्रमित मिले, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है। वहीं, एक दिन में 1,341 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें 17 सितंबर को दर्ज की गई थीं, तब 1194 लोगों की मौत हुई थी।


नए लक्षण व हालात
सुनने की क्षमता में कमी, 8 से 12 दिन 102-103 डिग्री का बुखार चढ़ना उतरना
पसीना आना, दस्त, सिर व आंखों में दर्द
बच्चे भी हो रहे हैं नए वायरस से प्रभावित, बच्चों से बड़ों में फैलने की आशंका, जो पहले नहीं थी।

टीकाकरण: क्योंकि यह संक्रमण को गंभीर नहीं होने देगा
45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जरूर लगवाएं
बाकी आयु वर्ग अभियान शुरू होने पर भागीदारी रखें

संक्रमण की जांच कब करवाएं? कब नहीं ?

यह लक्षण होने पर करवाएं- बुखार, बदन दर्द, सूंघने व स्वाद की क्षमता जाना, जल्द हांफना, आंखें लाल-गुलाबी होना, कम सुनाई देना।

संक्रमित से करीबी संपर्क- नजदीक आए हों और कम से कम 10-15 मिनट पास रहे हों।

टीकाकरण पर- दोनों खुराकें ले चुके हों और लक्षण न हो तो जांच कराने की जरूरत नहीं।

कोविड रिपोर्टिंग और डाटा सिस्टम (कोराड) स्कोर
रिपोर्ट में यह स्कोर एक से पांच तक रखा जाता है, जिसमें एक यानी संक्रमण नहीं, 2 यानी संक्रमण है, लेकिन कोविड-19 नहीं। स्कोर 3 यानी कोविड-19 हो सकता है, 4 यानी कोविड-19 जैसा संक्रमण है, स्कोर 5 यानी कोविड-19 कन्फर्म

कौन सी जांच करवाएं?
आरटीपीसीआर- पुख्ता जांच
रैपिड एंटीजन टेस्ट- यह तुरंत परिणाम देता है
सीटी स्कैन- अगर आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट में पुष्टि न हो लेकिन कोविड-19 के लक्षण मिलें और सेहत बिगड़ रही हो

सीटी स्कैन क्यों?
संक्रमण गले के बजाय सीधे फेफड़े में होने से कई बार बाकी टेस्ट संक्रमण की पुष्टि नहीं कर पाते।

जांच किस समय करवाएं?
वायरस पनपने का समय 5 से 7 दिन है, ऐसे में संक्रमित के संपर्क में आने के तुरंत बाद जांच करवाने पर संभव है कि संक्रमण न मिले।
आरटीपीसीआर में पुष्टि होने पर और पुष्टि के लिए सीटी स्कैन करवाने की जरूरत नहीं।
संक्रमण की स्टेज: अस्पताल में भर्ती तभी हों, जब ऑक्सीजन 94 फीसदी से नीचे आए
स्टेज 1
लक्षण: बुखार, खांसी गले में दर्द, नाक बहना, छींक, उल्टी, पेट दर्द व दस्त
क्या करें- घर पर क्वारंटीन हों, पहले से गंभीर बीमारी है तो अस्पताल पहुंचें।
स्टेज 2
लक्षण: स्टेज 1 के लक्षणों के साथ साथ तेज बुखार, थकान व खांसी।
क्या करें- एडमिट हों।
स्टेज 3
लक्षण: अत्यधिक बुखार ऑक्सीजन स्तर (एसपीओ2) 94 फीसदी से नीचे जाए।
क्या करें- एडमिट हों डॉक्टर आईसीयू में रखेंगे।
स्टेज 4
लक्षण: सांस में दिक्कत ह्रदय व अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं, किडनी को नुकसान
क्या करें- डॉक्टर की राय लें, अस्पताल में भर्ती हों
दवाएं और इलाज

1- रेमडेसिविर
उपयोग- आपात स्थिति में और ऑक्सीजन लेवल 90 से नीचे जाने पर। संक्रमण रोकने या मौत से बचाने की गारंटी नहीं। ठीक होने की रफ्तार तेज करती है।

किसके लिए उपयोगी?
सीटी स्कैन में फेफड़ों में संक्रमण मिले। ऑक्सीजन लेवल 94 फीसदी से नीचे हो।

2- फेविपिराविर या फेबिफ्लू
उपयोग- आपात स्थिति में। निर्देश में उपयोग की सलाह नहीं।

किसके लिए उपयोगी
ऐसे संक्रमित जो अत्यधिक बुखार में हैं, सांस लेने में दिक्कत है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लिए।

3- प्लाज्मा थैरेपी
उपयोग- आपात स्थिति में। हल्के संक्रमण में कारगर।

किसके लिए उपयोगी
18 से अधिक उम्र के संक्रमित। ऑक्सीजन स्तर 94 से कम हो।

याद रखें… अभी कोई भी निर्धारित दवा नहीं
मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना या सेनेटाइज करना व्यक्तिगत दूरी रखना और जरूरी होने पर ही बाहर निकलें।

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