
नई दिल्ली। लाल किला कार बम विस्फोट मामले (Red Fort Car Bomb Blast Case) की जांच में खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed- JeM) आतंकी मॉड्यूल के सदस्यों के बीच विचारधारा, वित्त और हमले के तरीके को लेकर गंभीर मतभेद थे। आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी (Dr. Umar Un Nabi) इस गुट के अन्य सदस्यों से अलग राय रखता था, जिसके चलते उसने अक्टूबर की शुरुआत में अपने साथी अदील राथर की शादी में भी शिरकत नहीं की थी। जांच एजेंसियों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी मुजम्मिल गनई, अदील राथर और मुफ्ती इरफान वागे अक्सर उमर के विचारों से सहमत नहीं होते थे।
उमर नबी का झुकाव ISIS की विचारधारा की ओर था, जिसका लक्ष्य खिलाफत स्थापित करना और करीबी दुश्मन को निशाना बनाना होता है। उमर ने कथित तौर पर कश्मीर में खुद को बुरहान वानी और जाकिर मूसा की आतंकवादी विरासत का उत्तराधिकारी माना। बाकी गुट अल-कायदा की विचारधारा की ओर अधिक झुकाव रखता था, जो पश्चिमी संस्कृति और दूर के दुश्मनों पर हमला करने पर जोर देता है।
वागे को छोड़कर, समूह के सदस्यों ने पहले अफगानिस्तान जाने की कोशिश की थी, लेकिन विफल रहे। इसके बाद उन्होंने घर पर ही लक्ष्य खोजने का फैसला किया। उमर 2023 से ही IEDs पर रिसर्च कर रहा था।
गुट के भीतर एक और विवाद का विषय धन के उपयोग पर उमर की जवाबदेही की कमी थी। सूत्रों के अनुसार, धन का एक बड़ा हिस्सा शाहीन शाहिद अंसारी से आया था, जो गनई का अल फलाह विश्वविद्यालय में सहयोगी थी और गिरफ्तार आरोपियों में से एक है। जांच से पता चला है कि डॉ. शाहीन शाहिद ने कथित तौर पर संगठित क्राउडफंडिंग के माध्यम से लगभग 20 लाख जुटाए थे और उसे जेएम के महिला भर्ती विंग जमात-उल-मोमिनात से जोड़ा गया था। जांच एजेंसियों को संदेह है कि उसने फरीदाबाद के लिए धन और संसाधन जुटाने में मदद की।
जब अक्टूबर में मौलवी इरफान वागे को घाटी में हिरासत में लिया गया, तो उमर ने 18 अक्टूबर को कश्मीर के काजीगुंड जाकर समूह के बाकी सदस्यों के साथ मतभेद खत्म करने और उन्हें सही रास्ते पर रखने की कोशिश की। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली विस्फोट काजीगुंड की इस बैठक के लगभग तीन सप्ताह बाद हुआ, जहां माना जाता है कि उमर समूह को वांछित दिशा में ले जाने के लिए राजी करने में कामयाब रहा था।
वागे की गिरफ्तारी ने पुलिस को बाकी मॉड्यूल और 2,900 किलोग्राम IED बनाने वाली सामग्री की बरामदगी तक पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि इसमें विस्फोटक, रसायन, प्रज्वलनशील सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, तार और रिमोट कंट्रोल शामिल थे। जांचकर्ताओं ने कहा कि उमर और गनई दोनों के पास फरीदाबाद के उस कमरे की चाबियां थीं जहां विस्फोटक पाए गए थे और उमर कई रसायनों के साथ प्रयोग करता था।
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