
मुंबई। 2008 के मालेगांव धमाका मामले में नया मोड़ आ गया है। विशेष एनआईए अदालत में एक गवाह ने कहा है कि उसे एटीएस और बाद में मामले की जांच करने वाली एजेंसी ने प्रताड़ित किया था। उसने यह भी बताया कि एटीएस ने उसे इस मामले में योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चार अन्य लोगों का झूठा नाम लेने के लिए मजबूर किया था।
29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल से बंधे एक विस्फोटक के फट जाने की वजह से छह लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा घटना में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे। मामले के अन्य आरोपियों में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शामिल हैं।
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