
नई दिल्ली। अध्यक्ष के चुनाव के बीच उपराष्ट्रपति पद (Vice President post) से जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के इस्तीफे (Resign) ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) का काम डबल कर दिया है। खबर है कि भाजपा के पास अब दो उम्मीदवारों को सावधानी से चुनने का काम आ गया है। अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा में देरी की वजह भाजपा और RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) में सहमति नहीं बन पाना मानी जा रही है। हालांकि, इसे लेकर पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। कहा जा रहा है कि भाजपा दोनों ही पदों पर राजनीतिक और जाति समीकरण ध्यान में रखकर उम्मीदवारों की तलाश कर रही है।
एक रिपोर्ट में भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पार्टी अगस्त के अंत तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव चाहती है। वहीं, इसी समय के आसपास भाजपा अध्यक्ष भी तय करना चाहती है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर पार्टी उपराष्ट्रपति पद के लिए उच्च जाति के नेता को चुनती है, तो अगला भाजपा अध्यक्ष ओबीसी या दलित हो सकता है।
खास बात है कि साल 2022 में द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी थीं। उस साल ही जगदीप धनखड़ भी उपराष्ट्रपति बने थे, जिनकी पहचान किसान पुत्र दिखाई जा रही थी। कहा जा रहा है कि इसका मकसद जाट किसानों के बीच स्थिति को सुधारना था, जो 2020-21 के दौरान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में उतर गए थे।
कैसे होगा चुनाव
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भाजपा से होगा, लेकिन नाम पर अंतिम सहमति NDA दलों से बात कर होगी। वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा अध्यक्ष का नाम संघ और भाजपा में सहमति नहीं बन पाने के कारण हो रहा है। कहा जा रहा है कि संघ ‘मजबूत संगठन नेता’ चाहता है।
भाजपा के अंदरूनी सूत्र ने कहा, ‘उपराष्ट्रपति उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए होने वाली मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले भाजपा अध्यक्ष के लिए चर्चा कर सकते हैं। मुद्दे के समाधान के लिए इसे आरएसएस नेतृत्व के साथ उठाया जाएगा।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा ने दो ओबीसी मंत्रियों का नाम आगे बढ़ाया है, जिनमें शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव शामिल हैं। सूत्रों ने अखबार को बताया कि जाहिर तौर पर संघ किसी भी नाम से सहमत नहीं है, लेकिन पीएम मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से चर्चा आगे बढ़ सकती है।
भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘गतिरोध को दूर करने के लिए मोदी जी खुद ही आरएसएस नेतृत्व से बात कर सकते हैं। संघ के साथ अगले उपराष्ट्रपति के नाम पर भी चर्चा की जा सकती है।’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved