ब्‍लॉगर

ये पॉलिटिक्स है प्यारे


साहब को किस चीज की है आस?
कृष्णमुरारी मोघे की सक्रियता इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। कभी वे सीएम से मिलने पहुंच रहे हैं तो चार दिन पहले उन्होंने एक्स सीएम उमा भारती सहित कई मंत्रियों से मिलकर नई अटकलों को जन्म दे दिया है। साहब अपने आपको सक्रिय बता रहे हैं। इस सक्रियता का पुरस्कार क्या होगा? इसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में कानाफूसी चल रही है।
जलवा तो है भाजपा के मंत्रियों का
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर इंदौर आए और कार्यकर्ताओं से मिलने दीनदयाल भवन भी पहुंचे। आमतौर पर अधिकारी मंत्रियों के पीछे घूमते हैं, लेकिन उनके निजी या राजनीतिक कार्यक्रमों में नहीं जाते हैं, लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारी तोमर के आगे-पीछे ही रहे और जब वे भाजपा कार्यालय पहुंचे थे, तब भी उनकी जी-हुजूरी में कुछ बड़े अधिकारी साथ थे। मौका पाकर कुछ कार्यकर्ताओं ने काम बताया और हाथंोहाथ उनका काम भी हो गया।
ससुराल में भी दावेदारी टिकट की
भाजपा की एक पूर्व पार्षद अपने पार्षदकाल में ब्याही गईं। 2 नंबर में मैडम का मायका है और 3 नंबर विधानसभा में ससुराल। मैडम ने दावा कर दिया है कि अब वे ससुराल में भी पार्षद का चुनाव लड़ेंगी। विजयवर्गीय परिवार की नजदीकी पार्षद का दावा है कि विजयवर्गीय परिवार उनका सम्मान 3 नंबर में भी बरकरार रखेगा और उसका पुरस्कार उन्हें पार्षद के टिकट के रूप में मिलेगा। अब उन लोगों में बेचैनी है, जो सालों से यहां पार्टी की सेवा कर रहे हैं।


अधर में फंसे अल्पसंख्यक नेता
सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले अल्पसंख्यक भाजपा नेता समझ चुके हैं कि कांग्रेस में कुछ है नहीं और भाजपा में जो अपनी इज्जत बनाई थी वो भी जाती रही। ऐसे नेता अपने आपको सच्चा देशभक्त और भाजपाई बताने के लिए सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय हैं और यह बताने से भी नहीं चूक रहे हैं कि वे किसी के बहकावे में आ गए थे और उनके कदम पार्टी से दूर हो गए थे। वे दीनदयाल भवन की सीढिय़ां कैसे चढ़ें, इसे लेकर भाजपा नेताओं से राय-मशविरा हो रहा है। इसके उलट कुछ नेताओं ने इनको बाहर रखने की ही तैयारी कर रखी है और बता दिया है कि ये लोग बहकावे में नहीं, बल्कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के चक्कर में बाहर हुए थे कि इनका भला वहां हो जाएगा, लेकिन इनकी किस्मत ही फूटी निकली।
पैदा हो रही वर्मा के लिए मुश्किलें
राजनीति में मधु वर्मा जैसे कम लोग ही हैं जो बोलते हैं तो तौल-मोलकर बोलते हैं और इंदौर की राजनीति में वर्मा का एक बड़ा स्थान है। भले ही वे राऊ में हार गए हों, लेकिन अब निगाह महापौर पर है और उसको लेकर सांवेर चुनाव में दिन-रात लगे रहे। पिछले दिनों एक युवक द्वारा आत्महत्या करने और उसका आरोप मधु वर्मा के बेटे पर लगाने के मामले में वे सफाइे देते फिर रहे हैं, लेकिन मामले को हवा दी जा रही है और ऐसा न हो कि ये हवा उनकी महापौर की दावेदारी में रोड़े अटकाने का काम कर दे।


अश्लीलता परोस डाली कांग्रेसी ग्रुप में
कांग्रेसी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय हैं, लेकिन इंदौर कांग्रेस कमेटी के एक व्हाट्सएप ग्रुप में किसी उत्साही कांग्रेसी ने अश्लील पोस्ट कर डाली। ग्रुप में कुछ पत्रकार भी थे। पूछताछ हुई तो मालूम चला कि एक कांग्रेसी ने ये पोस्ट डाली। ग्रुप में महिला कार्यकर्ताएं भी थीं, जो पोस्ट देखकर ग्रुप से बाहर हो गईं। बात बढ़ती उसके पहले ही ग्रुप को डिलीट कर दिया गया। हालांकि बाद में उन कांग्रेसियों ने उस पोस्ट को मजे ले-लेकर खूब पढ़ा।
नेताजी भी आ गए बाबा के तंत्र-मंत्र के चक्कर में
पिछले दिनों पुलिस के हत्थे चढ़े तंत्र-मंत्र वाले बाबा के चक्कर में एक भाजपा नेता भी आ गए थे। नेताजी को विधानसभा चुनाव के पहले विधायक बनाने के चक्कर में ढाई लाख रुपए के तंत्र-मंत्र करवा दिए। हालांकि बाबा अब पुलिस के चक्कर में है, लेकिन बाबा के साथ जब भाजपा नेता थे, तब के फोटो बाबा के पास हैं और बाबा नेताजी पर ही आरोप लगा रहे हैं। वैसे नेताजी ने अपनी सफाई में पुलिस अधिकारियों को अपनी बेगुनाही के सबूत पेश कर दिए हैं।

उमेश शर्मा द्वारा कल ताई से महापौर का आशीर्वाद लेने और ताई के तथास्तु कहे जाने को लेकर अब नई पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। ताई का आशीर्वाद उमेश के लिए कितना फलीभूत होता है उसका इंतजार किया जा रहा है…उमेश अपने आपको महापौर की दौड़ में मानकर चल रहे हैं, कहीं यहां भी तो उमेश के साथ कोई पॉलिटिक्स तो नहीं खेली जा रही?
राशन माफिया दवे के मकानों पर जिस तरह से बुलडोजर चल रहा है, उसने उन लोगों की बोलती बंद कर दी है, जो दवे बंधुओं के पेश होने में सत्ताधारी दल के नेताओं का हाथ बता रहे थे। अब वे कह रहे हैं कि इसमें भी कोई पॉलिटिक्स है, ताकि ईल्जाम इन पर न आए कि इनको कोई बचा रहा है।
-संजीव मालवीय

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