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ये पॉलिटिक्स है प्यारे

कांग्रेसी पार्षदों की पीड़ा…हम कुछ नहीं कर पाए
इंदौर में कांग्रेस (Congress) के जो पार्षद (Councilor) रहे हैं उन्हें पार्षदी जाने के बाद अपना कार्यकाल याद आ रहा है कि वे कुछ नहीं कर पाए। पिछले दिनों बंबई बाजार में जब महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला (Sanjay Shukla) पहुंचे थे तो सभी पार्षदों और पार्षद पतियों की पीड़ा सामने निकलकर आई। उन्होंने कहा कि भजपा की परिषद में वे अपने क्षेत्र में कुछ भी काम नहीं करवा पाए। हालांकि इसके उलट दो नंबर में पार्षद चिंटू चौकसे (Chintu Chowkse) बोल चुके हैं कि काम कराना मुझे आता है और मैंने अपने क्षेत्र में बहुत काम करवाया। अब चिंटू ने अपने ही कांग्रेसी पार्षद भाइयों पर सवाल उठा दिया कि या तो उन्हें काम करवाना नहीं आता है या उन्होंने इसमें कोई रूचि नहीं दिखाई। वैसे देखा जाए तो परिषद के 5 साल के कार्यकाल ने ये पीड़ा जाहिर नहीं की थी। वैसे बता दें कि जिन्होंने अभी पीड़ा व्यक्त की है वे फिर से अपने क्षेत्र में चुनाव लडऩे का मन बना चुके हैं और अब ये बताना भी जरूरी है कि पिछली परिषद में हम काम नहीं करवा पाए, इसलिए अब एक बार और मौका दो।


घुंघरू को रणदिवे ने फिर बांध दिए घुंघरू
भाजपा (BJP) के नगर संयोजक निर्मल वर्मा उर्फ घूंघरू ने अपने क्षेत्र की विधायक को आजीवन सहयोग निधि की राशि इक_ा करके दे दी और निश्चिंत हो गए। वे जब नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे (Gaurav Randive) से मिले और बताया कि मैंने तो टारगेट पूरा कर दिया है। इस पर गौरव ने कह दिया कि आप तो नगर के संयोजक हो। आपको तो अलग से टारगेट पूरा करना चाहिए और यूं भी कोरोना काल में आपने ही मेरे पास आकर सबसे ज्यादा बाजार खुलवाईं। इसलिए अब आप अलग से टारगेट पूरा करो।


22 नंबर में चार बार कर लिया जनसंपर्क
22 नंबर वार्ड में कांग्रेस के एक नेता दावेदारी कर रहे हैं। पिछली बार भी चुनाव लड़े थे और हार गए। इस बार फिर तगड़ी तैयारी है। नेताजी ने वार्ड में 4-4 बार जनसंपर्क कर लिया है। सुबह होते से ही नेताजी वार्ड में पहुंच जाते हैं और लोगों से मेल-मुलाकात शुरू कर देते हैं। ये देख भाजपा के दावेदार टेंशन में हैं कि कहीं नेताजी सही में ही इस वार्ड पर कब्जा नहीं जमा लें। वैसे इस वार्ड से भाजपा किसी दमदार नेता को ही उतारने का मन बना रही है और जल्द ही यहां का नाम तय होने वाला है।



मदद मांगने गए थे, चेतावनी दे आए
छठी से आठवीं का स्कूल खोलने के लिए छोटे स्कूल संचालित करने वाले कुछ स्कूल संचालक एक भाजपा नेता के साथ गौरव रणदिवे से मिलने पहुंचे। गौरव से कहा कि स्कूल खुलवा दो, आर्थिक हालात खराब है, लेकिन गौरव ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक शहर में कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं होगा और स्वास्थ्य विभाग कहेगा तब ही स्कूल खुल पाएंगे। वैसे गौरव ने उन्हें मुख्यमंत्री से मिलाने का आश्वासन दिया है। बाद में स्कूल संचालक आपस में बुदबुदाने लगे कि ऐसे ये सरकार नहीं मानेगी। जैसा पिछली बार मुख्यमंत्री ने माइकालाल बोलकर गलती की थी और कई विधानसभा दो सौ-तीन सौ वोटों से हार गए। ऐसा ही कुछ हमें करना पड़ेगा। भाजपा नेताओं के कानों तक बात पहुंचने के बाद वे कहते फिर रहे हैं कि वे तो किसी ओर मामले में चेतावनी की बात कर रहे थे।



किसानों की पदयात्रा में किसान गायब
कृषि कानून (Agricultural Law) के विरोध में कांग्रेस ने संघर्ष पदयात्रा निकाली, लेकिन कोई जवाबदार नहीं होने के कारण पदयात्रा फेल हो गई। पटवारी के साथ आई बिजलपुर के युवाओं की टीम भी पटवारी के जाते ही गायब हो गई। कुछ कांग्रेसी नेता सहप्रभारी इंदौरा को चेहरा दिखाकर चलते बने और किसान यात्रा बिना किसानों के ही रह गई। हालांकि आखरी गांव में जरूर कुछ कांग्रेस नेता किसानों को लेकर पहुंचे और यात्रा की लाज बचा ली। सबने बिसनावदा में खाना खाया और अपने घर को रवाना हो गए।


टीस किसी और की , फायदा दूसरे को मिला
कांग्रेस के जिला सम्मेलन में दो नंबरी नेता चिंटू चौकसे ने सार्वजनिक रूप से कह दिया कि कांग्रेस में दो नंबर से प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है, जबकि सबसे ज्यादा लड़ाई दो नंबर के नेता ही लड़ते हैं। चिंटू की इस टीस को पार्टी ने गंभीरता से लिया और दो दिन में ही कांग्रेस के प्रदेश सचिव रहे राजेश चौकसे को नगरीय निकाय चुनाव की कमेटी में ले लिया गया। इसके बाद चिंटू कर भी क्या कर सकते थे। अब अपनी टीस दबाकर कहते फिर रहे हैं…चलो दो नंबर से किसी नेता को तो लिया।


पटवारी की इकन्नी कर दी भाजपा नेताओं ने
सोशल मीडिया पर जीतू पटवारी का वह वीडियो वाइरल हो रहा है, जिसमें वे चार नंबर विधानसभा में बंद के दौरान दुकानें बंद करा रहे थे। वे जब एक दुकान के सामने पहुंचे और दुकानदार से कहा कि मोदीजी तो महंगाई घटाने आए थे, लेकिन उन्होंने महंगाई बढ़ा दी। पटवारी ने दुकान वाले को दुकान बंद करने का बोला, लेकिन वह नहीं माना। पटवारी हाथ जोड़ते रहे कि दुकान बंद कर लो, लेकिन उसने एक नहीं सुनी और पटवारी को हार मानकर आगे बढऩा पड़ा। बाद में जब दुकान वालों की ओर से जय-जय श्रीराम के नारे लगे तो कांग्रेसी भी जय-जय श्री राम के नारे लगाते हुए निकल गए। बताया जा रहा है कि दुकान भाजपा से जुड़े किसी व्यक्ति की थी और उसी ने सोशल मीडिया पर यह वीडियो वाइरल कर दिया, जिसमें पटवारी की इकन्नी हो रही है।

जिस तरह से शहर में कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं, उसने कांग्रेस के नेताओं की धडक़नें बढ़ा दी है। दबी जुबान में नेता कह रहे हैं कि भाजपा नहीं चाहती कि अभी निगम चुनाव हो, क्योंकि चुनाव हुए तो किसान आंदोलन के कारण भाजपा को नुकसान हो सकता है। इसलिए कोरोना के आंकड़े बढ़ाए जा रहे हैं,ताकि चुनाव टल जाए। -संजीव मालवीय

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