
नई दिल्ली। जन्माष्टमी का त्योहार 18 और 19 अगस्त (Krishna Janmashtami 2022 date) को मनाया जाएगा. सालों वर्ष पूर्व माता देवकी और वासुदेव (Mata Devaki and Vasudeva) ने आधी रात को मथुरा की जेल में एक बालक को जन्म दिया था. ये भगवान विष्णु का आठवां अवतार श्रीकृष्ण थे. भादो माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में कान्हा ने जन्म लिया था. हर साल कृष्ण जयंती पर कान्हा का बाल स्वरूप की पूजा की जाती है.
इस साल जन्माष्टमी पर बेहद वृद्धि और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है, जो इस दिन का महत्व बढ़ा रहे हैं. वृद्धि योग में कान्हा के साथ मां लक्ष्मी स्वरूप राधा रानी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. आइए जानते हैं जन्माष्टमी के शुभ योग और उपाय
कृष्ण जन्माष्टमी 2022 योग (Krishna janmashtami 2022 yog)
17 अगस्त को 8 बजकर 57 मिनट से वृद्धि योग आरंभ होगा जो 18 अगस्त को रात 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. वहीं ध्रुव योग 18 अगस्त को 8 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 19 अगस्त को 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. इन शुभ योग में राधा-कृष्ण की पूजा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी.
संतान
निसंतान दंपत्ति जन्माष्टमी के दिन घर पर गाय या बछड़े की मूर्ति लायें. कान्हा के साथ इनकी भी विधिवत पूजा करें. मान्यता है कि इससे संतान सुख प्राप्त होता है. साथ ही संतान पक्ष की परेशानियां दूर होती है.
आमदनी
नौकरी में पदोन्नति और आमदनी में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ति के लिए जन्माष्टमी पर 7 कन्याओं को खीर या सफेद मिठाएं बांटे. ये उपाय जन्माष्टमी के बाद लगातार पांच शुक्रवार तक करें.
केसर-चंदन
जन्माष्टमी पर केसर या चंदन में गुलाब जल मिलाकर तिलक लगाएं. साथ ही गोपी चंदन से कृष्ण का श्रृंगार करें. मान्यता है इससे घर में सुख-समृद्घि आती है. मां लक्ष्मी की कृपा से धन की कमी नहीं होती.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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