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Tibet से 3 बच्‍चे हुए थे लापता, एक China के अस्पताल में मिला

 

वाशिंगटन। तिब्बत के पूर्वी इलाके में रहने वाले तीन किशोर दादुल, सांग्ये त्सो और कांसी बीते दिनों लापता हो गए थे। इस इलाके पर चीन का नियंत्रण है और इसे क्विनझाई प्रांत के नाम से जाना जाता है। यह जानकारी वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) ने तिब्बत में मानवाधिकार हनन पर नजर रखने वाली ब्रिटेन की संस्था तिब्बत वॉच के हवाले से दी है।



वीओए की रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीरों में एक किशोर को शिनिंग, चीन के अस्पताल में देखा गया है। कहा जा रहा है कि तस्वीर में दिख रहा यह किशोर दादुल है। तस्वीरों में दिख रहा है कि उसके पैरों पर पट्टियां बंधी हुई हैं। वीओए की रिपोर्ट के मुताबिक शिनिंग, जहां की तस्वीर है, यह इलाका दादुल के घर क्येगुडो से करीब एक हजार किलोमीटर दूर है।

तिब्बत वॉच ने आरोप लगाया है कि दादुल के परिवार को पुलिस ने उस अस्पताल में बुलाया जहां दादुल का इलाज चल रहा है। पुलिस ने दादुल के परिजनों से उसकी सर्जरी के लिए 6000 अमेरिकी डॉलर की मांग की। तिब्बत वॉच के सूत्रों के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने दादुल के परिजनों को हिदायत दी है कि वह इस पूरे मामले के बारे में किसी को भी न बताएं।

वीचैट ग्रुप की वजह से हुई थी गिरफ्तारी
तिब्बत वॉच ने वीओए को बताया कि किशोरों को 17 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। दादुल ने यह नहीं बताया कि कांसी और सांग्ये कहां हैं। चीनी अधिकारियों ने भी अभी तक इस मामले को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, जानकारी के अनुसार किशोरों की गिरफ्तारी के पीछे का कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘वीचैट’ का एक ग्रुप था।

दरअसल, चीन ने तिब्बत पर 1959 में कब्जा किया था। चीन की सरकार ने यहां के नागरिकों के लिए यह अनिवार्यकर दिया है कि वह सभी ग्रुप चैट स्थानीय अधिकारियों के पास पंजीकृत करवाएं। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे चीन की सरकार वहां के नागरिकों की आपस में होने वाली बातों पर नजर रख सके और किसी भी आशंका से निपट सके।

कहा जा रहा है कि इन तीन किशोरों ने ‘रॉकी माउंटेन क्लब’ नाम से एक वीचैट ग्रुप शुरू किया था। तिब्बत वॉच के अनुसार यह ग्रुप तिब्बत के नए साल को मनाने के लिए बनाया गया था, जो 12 से 14 फरवरी के बीच चला था। इस ग्रुप में करीब 240 सदस्य थे। बता दें कि स्थानीय सरकार के समाप्त होने के बाद तिब्बत 1959 से ही चीन के नियंत्रण में है।

तिब्बती नेता और अन्य लोग यह मांग करते रहे हैं कि चीन यहां से अपना नियंत्रण हटा ले और यहां का नेतृत्व तिब्बतियों के हाथ में सौंप दे। अमेरिकी विदेश विभाग ने यहां की स्थिति को लेकर कहा है कि स्थानीय लोगों की धार्मिक मान्यताओं की वजह से चीनी अधिकारियों द्वारा उनका अपहरण, गिरफ्तारी, प्रताड़ना और शारीरिक शोषण आदि किया जाता है।

 

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