वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने तीसरी दुनिया के देशों से माइग्रेशन पर रोक लगाने का ऐलान किया है। ट्रंप ने कहाकि तीसरी दुनिया के देशों से लोगों के अमेरिका आने पर रोक लगा दी जाएगी। ट्रंप का यह ऐलान उस घटना के बाद हुआ है, जिसमें एक अफगानी नागरिक ने वॉशिंगटन में दो नेशनल गार्ड्स को गोली मार दी। ट्रुथ सोशल पर लिखी पोस्ट में ट्रंप ने कहाकि सभी तीसरी दुनिया के देशों से माइग्रेशन पर रोक लगा देनी चाहिए, ताकि अमेरिकी सिस्टम पूरी तरह से ठीक हो सके। आखिर कौन हैं, तीसरी दुनिया के देश और क्या इस लिस्ट में भारत भी शामिल है?
तीसरी दुनिया शब्द आया कैसे?
पहली दुनिया, दूसरी दुनिया और तीसरी दुनिया, यह कोल्ड वॉर के दौर की उत्पत्ति हैं। उस वक्त अमेरिकी नेतृत्व वाला पश्चिमी गुट था, जिसे फर्स्ट वर्ल्ड कहा जाता था। साम्यवादी पूर्वी गुट को सेकंड वर्ल्ड कहा जाता था। वहीं, जो देश इनमें से किसी भी गुट में शामिल नहीं हुए, उन्हें थर्ड वर्ल्ड कहा जाता था। यह वो देश थे जो अविकसित थे और आउटडेटेड माने जाते थे।
पहली, दूसरी और तीसरी दुनिया कौन
फर्स्ट वर्ल्ड या पहली दुनिया में उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया के साथ-साथ स्पेन, स्विटजरलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और फिनलैंड समेत कुछ अन्य देश शामिल थे। सेकंड वर्ल्ड यानी दूसरी दुनिया में सोवियत गणराज्य, पूर्वी यूरोप, पोलैंड, पूर्वी जर्मनी, चेकोस्लोवाकिया, बाल्कन्स के साथ चीन से जुड़े एशियाई कम्यूनिस्ट देश, जैसे मंगोलिया, उत्तरी कोरिया, विएतनाम, लाओस और कंबोडिया आदि शामिल थे। तीसरी दुनिया के देश उन्हें कहा गया जो आर्थिक और कृषि में पिछड़े और अविकसित थे। इनमें अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के इस श्रेणी के देश शामिल थे।
किन देशों पर निशाना
इस लिस्ट में भारत का नाम शामिल नहीं है। इन देशों में अफगानिस्तान, म्यांमार, बुरुंडी, चाड, कांगो गणराज्य, क्यूबा, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लाओस, लीबिया, सिएरा लियोन, सोमालिया, सूडान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला और यमन शामिल हैं। ये वही देश हैं, जिन्हें ट्रंप ने इस साल जून में जारी अपने आदेश में यात्रा प्रतिबंध सूची में रखा था।
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