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जंगी जहाज पर हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में पहली बार दो महिला अधिकारी की तैनाती


नई दिल्ली। भारतीय नौसेना विमानन के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। इसकी वजह यह है कि इतिहास में पहली बार दो महिला अधिकारियों को HELICOPTER STREAM में ऑब्जर्वर (एयरबोर्न टैक्टिशियंस) के पद में शामिल होने के लिए चुना गया है। यह कदम लैंगिक समानता की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है क्योंकि ये दोनों पहली महिला अधिकारी होंगी जो कि युद्धपोतों से संचालित होने वाली महिला हवाई लड़ाकू विमानों में तैनात होंगी।
आपको बता दें कि इससे पहले महिलाओं के प्रवेश को तय विंग विमान तक ही सीमित रखा गया था। इन दोनों महिला अधिकारियों का नाम सब लेफ्टिनेंट (एसएलटी) कुमुदिनी त्यागी और एसएलटी रीति सिंह है।
ये भारतीय नौसेना के 17 अधिकारियों के एक समूह का हिस्सा हैं जिन्हें आईएनएस गरुड़ कोच्चि में 21 सितंबर को आयोजित एक समारोह में “ऑब्जर्वर” के रूप में स्नातक होने पर “विंग्स” से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने अधिकारियों को संबोधित किया और कहा-” यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जिसमें पहली बार महिलाओं को हेलीकॉप्टर संचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये अधिकारी भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के समुद्री समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमानों की सेवा करेंगे।”
बता दें कि इससे पहले 2016 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट भवानी कंठ, फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी और फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं। फिलहाल भारतीय वायुसेना में 10 फाइटर पायलट समेत 1,875 महिलाएं सेवा में हैं। अठारह महिला अधिकारी नेविगेटर हैं, जिन्हें लड़ाकू बेड़े में भी तैनात हैं, जो सुखोई-30MKI सहित सेनानियों पर हथियार प्रणाली ऑपरेटरों के रूप में काम कर रहे हैं।

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