संयुक्त राष्ट्र । ब्रिक्स देशों (BRICS countries) के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के 80वें सत्र से इतर वार्षिक बैठक की। बैठक की अध्यक्षता 2026 के लिए ब्रिक्स के भावी अध्यक्ष के रूप में भारत ने की। इस दौरान एक संयुक्त वक्तव्य में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गई। पाक समर्थित आतंकियों ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में मासूम पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं। इस हमले में 22 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे। ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के किसी भी रूप से लड़ने की प्रतिबद्धता को दोहराया। इसके अलावा, सीमापार से आतंकवाद, आतंकवाद को धन मुहैया कराने, और आतंकियों को पनाह देने जैसी हरकतों पर भी लगाम लगाने की जरूरत बताई गई। बाद में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि एक अशांत विश्व में, ब्रिक्स को शांति स्थापना, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के संदेश को सुदृढ़ करना चाहिए।
टैरिफ पर भी नाराजगी
ब्रिक्स देशों ने टैरिफ में अंधाधुंध बढ़ोत्तरी पर भी नाराजगी जताई। साथ ही चेतावनी दी है कि इस तरह से ‘ग्लोबल साउथ’ देशों के हाशिए पर चले जाने का जोखिम है। ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं। ब्रिक्स देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात – ने एकतरफा शुल्क और गैर-शुल्क उपायों के बढ़ने के बारे में गंभीर चिंता जताई। जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स में भारत की अध्यक्षता खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन तथा डिजिटल परिवर्तन, स्टार्टअप, नवाचार और मजबूत विकास साझेदारी के माध्यम से सतत विकास पर केंद्रित होगी।
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