
नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan) को ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड’ (टीबी रोको भागीदारी बोर्ड) का अध्यक्ष (Chairman of ‘Stop TB Partnership Board’) नियुक्त किया गया है।
इस अंतर्राष्ट्रीय संगठन का काम टीबी के खिलाफ जंग में विश्व भर के सभी पक्षों को एक साथ लाना है। इस भागीदारी की सोच ‘टीबी मुक्त विश्व’ है। इस प्रतिष्ठित वैश्विक संगठन के अध्यक्ष के रूप में डॉ. हर्ष वर्धन की नियुक्ति से तपेदिक (टीबी) के उन्मूलन में भारत की राजनीतिक प्रतिबद्धता दिखती है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जुलाई, 2021 से शुरू हो रहे तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे। साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या है ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड’
वर्ष 2000 में स्थापित ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ के पास जन-स्वास्थ्य समस्या के रूप में टीबी का उन्मूलन करने का दायित्व है। लंदन में मार्च, 1998 में टीबी महामारी से संबंधित तदर्थ समिति के प्रथम सत्र की बैठक के बाद इस संगठन की परिकल्पना की गई थी। स्थापना के पहले वर्ष में ही 20 देशों ने सहयोग की बात कही थी। इस संगठन के 1500 भागीदार संगठन हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय, गैर-सरकारी और सरकारी संगठन शामिल हैं। इसका सचिवालय स्विजरलैंड के जेनेवा में स्थित है। (एजेंसी, हि.स.)
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