
नई दिल्ली. आगरा रेल डिवीजन (Agra Railway Division) ने मंगलवार को एक स्टेशन मास्टर (station master) और एक ट्रैफिक कंट्रोलर को बड़ी लापरवाही बरतने के कारण निलंबित (suspended) कर दिया. स्टेशन मास्टर और ट्रैफिक कंट्रोलर ने दिल्ली जाने वाली जनशताब्दी (Jan Shatabdi) एक्सप्रेस को गलत ट्रैक (unsafe track) पर मोड़ दिया था, जिससे सैकड़ों यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई. ट्रेन को जिस पटरी पर मोड़ा गया, उसकी मरम्मत का काम चल रहा था. यह ट्रैक ट्रेन ऑपरेशन के लिए सुरक्षित नहीं था.
सूत्रों ने बताया कि ट्रेन क्रू की सतर्कता के कारण बड़ा हादसा टल गया, जिन्होंने ट्रैक मेंटेनेंस टीम द्वारा लगाए गए लाल झंडे को देखा और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को अंडर-रिपेयर ट्रैक तक पहुंचने से पहले रोक दिया. डिवीजनल ऑपरेशनल मैनेजर और आगरा रेलवे डिवीजन की आधिकारिक प्रवक्ता प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि दो कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. उन पर ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरतने के मामले में एक्शन लिया गया है और अगली जांच तक निलंबित कर दिया गया है.’
हेल्थ इमरजेंसी अलर्ट होने के बाद नहीं रोकी ट्रेन
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार सुबह 10:30 से 11:00 बजे के बीच, एक यात्री ने स्वास्थ्य समस्या की सूचना दी, जिसके बाद ट्रेन टिकट एग्जामिनर (TTE) ने आगरा कंट्रोल रूम से संपर्क कर ट्रेन को छाता स्टेशन पर रोकने का अनुरोध किया. एक सूत्र ने कहा, ‘जब आवश्यक निर्देश समय पर लोको पायलट तक नहीं पहुंचे, तो ट्रेन छाता स्टेशन से गुजर गई. इसके बाद टीटीई ने फिर से ट्रैफिक कंट्रोलर से संपर्क किया और कोसी स्टेशन पर यात्री को उतारने का अनुरोध किया, क्योंकि उनकी मेडिकल स्थिति और बिगड़ गई थी.’
सूत्र ने आगे कहा, ‘जब ट्रेन कोसी में भी नहीं रुकी, तो ट्रेन में मौजूद कर्मचारियों ने एक और अनुरोध किया, जिसके बाद इसे होडल स्टेशन पर रोकने का निर्णय लिया गया. हालांकि, स्टेशन मास्टर ने जल्दबाजी में सुरक्षा नियमों को नजरअंदाज कर दिया और ट्रेन को एक लूप लाइन पर मोड़ दिया, जिसकी मरम्मत चल रही थी.’ घटना से वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक मेंटेनेंस टीम ने लूप लाइन शुरू होने से पहले सावधानी के तौर पर एक लाल झंडा लगाया था, और सतर्क ट्रेन क्रू ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया.
लोको पायलट की सूझबूझ ने टाला बड़ा हादसा
आगरा डिवीजन के एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर लोको पायलट ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती और ट्रेन को नहीं रोका होता, तो यह एक बड़ा हादसा हो सकता था. निचले स्तर के अधिकारियों के अलावा, वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों को भी ऐसी गंभीर सुरक्षा चूक के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.’ उन्होंने आगे कहा, ‘वे (स्टेशन मास्टर और ट्रैफिक कंट्रोलर) कहां थे? जब एक यात्री की बीमारी की सूचना दी गई थी, तो ट्रेन को रोकने में इतनी अनिर्णयता क्यों थी?’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved