लखनऊ। मिर्जापुर (Mirzapur) के मझवां विधानसभा क्षेत्र में हो रहा उपचुनाव (By-Election) रोचक होता जा रहा है। यहां भाजपा (BJP) उम्मीदवार एमबीए डिग्रीधारी पूर्व विधायक सुचिष्मिता मौर्य का प्रबंधन कारगर होगा या सपा (SP) प्रत्याशी डॉ. ज्योति बिंद की सियासी डॉक्टरी चलेगी, यह काफी हद तक बसपा (BSP) के दीपक तिवारी की गति पर निर्भर करेगा। तीनों के अपने-अपने दावे हैं… पर, यहां जातीय गोलबंदी और दलीय गुटबाजी हावी है।
इस सीट से अब तक सपा नहीं जीती है। वह उपचुनाव में खाता खोलने को बेताब है। वहीं, भाजपा के सामने अपना दबदबा बनाए रखने की चुनौती है। ऐसे में बसपा को परंपरागत वोटबैंक के साथ ब्राह्मणों पर भरोसा है। यह भरोसा सपा, भाजपा और बसपा के बीच मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहा है।
यहां का सियासी समीकरण इस बार बदला है। वर्ष 2022 के आम चुनाव में भाजपा-निषाद पार्टी के गठबंधन उम्मीदवार के रूप में विजयी रहे डॉ. विनोद बिंद अब सांसद बन चुके हैं। उनके इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर निषाद पार्टी दावा करती रही, लेकिन भाजपा ने पूर्व विधायक सुचिष्मिता मौर्य को मौका दिया है।
ऐसे में निषाद पार्टी के झंडाबरदार मैदान में नहीं दिख रहे हैं। बसपा से वाया भाजपा सपा में आए डॉ. रमेश बिंद की बेटी डॉ. ज्योति बिंद सपा से मैदान में हैं। वोटबैंक को देखते हुए बसपा ने यहां से दीपक तिवारी को टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। पर, मतदाता शांत हैं, लेकिन बातचीत करते ही दिल में मची सियासी उथल-पुथल बाहर निकल आती है।
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