सागर । दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना (Deendayal Antyodaya Rasoi Yojana) संचालित कर रही स्वयंसेवी संस्था द्वारा बिना अनुमति के ही लोगों के मोबाइल नंबरों का अनाधिकृत उपयोग किया जा रहा है। गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने इस योजना में संबंधित हितग्राही को पर्ची जनरेट करने के लिए मोबाइल होना जरूरी है। इस योजना में भारी लापरवाही देखने को मिल रही है। जिसमें बगैर खाए लोगों के मोबाइल नंबर पर मैसेज एवं उनके बैंक खातों से राशि कटने की भी शिकायतें आने के बाद नगर निगम गलियारे में भारी खलबली मच गई है, हालांकि अधिकारी इस मामले में अंजान बने हुए हैं, लेकिन संबंधित के खिलाफ कार्यवाही करने का भी मूड बना लिया है।
स्वर्ग में बैठे अपने पूर्वजों को खाना खिलाना है तो आप नगर निगम सागर (Municipal Corporation Sagar) द्वारा संचालित रसोई से संपर्क करें। यहां ऐसी व्यवस्था की गई है कि जिसका लाभ लेने वालों को शायद पितृपक्ष में अपने पूर्वजों तक भोजन पहुंचाने के लिए काले कौओं की जरूरत नहीं पड़ेगी। रसोई की सेवा ऐसी चल रही है कि पितृ स्वयं वहां पहुंचकर भोजन ग्रहण कर रहे हैं और परिजनों के पास उसका मैसेज एसएमएस भी पहुंच रहा है।
यह बात पढ़कर आपको भले ही अजीब लग रहा हो, लेकिन सागर नगर निगम की रसोई द्वारा जारी मैसेज एसएमएस यही बयां कर रहे हैं।
मृत व्यक्ति के नाम से आ रहा मैसेज
दरअसल बात यह है कि पुराने कलेक्टर कार्यालय के बाहर चाय की दुकान लगाने वाले राजेश चौरसिया के मोबाइल पर बीते कुछ दिनों से मैसेज आ रहे हैं कि राजाराम आपके द्वारा भोजन प्राप्ति के लिए 10 रुपए का भुगतान प्राप्त हुआ। धन्यवाद पुनः पधारें। यहां पर हैरानी की बात यह है कि राजेश के पास यह मैसेज उनके स्वर्गवासी पिता श्री राजाराम चौरसिया के नाम से आ रहे हैं। राजेश का कहना है कि करीब 21 साल पहले उनके पिता का स्वर्गलोक गमन हो चुका है।
पंचनामा बनाया
उक्त मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारी इस मामले से अनजान बने हुए हैं और शुक्रवार को जब यह मामला प्रकाश में आया तो आनन-फानन में पंचनामा कार्यवाही की गई। वहीं दूसरी ओर शहर में तीन स्थानों पर अंत्योदय रसोई योजना संचालित की जा रही है। जिसमें बस स्टैण्ड के पास, जिला अस्पताल एवं नमक मंडी स्थित पदमाकर स्कूल के पास यह रसोई संचालित की जा रही है, जहां पर गरीब लोग दस रूपए में भोजन करते हैं। शासन द्वारा संचालित इस योजना का लाभ गरीब लोगों को नहीं मिल पा रहा है, जबकि कागजों में खानापूर्ति की जा रही है। यह एक मामला नहीं इस तरह के कई और मामले सामने आ रहे हैं। हिस