
वर्तमान समय में मानसिक और शारीरिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। खासकर कोरोना काल में लोगों के मानसिक सेहत पर गहरा असर पड़ा है। इस दौर में सेहतमंद रहने के लिए आप जड़ी-बूटी का सहारा ले सकते हैं। प्राचीन काल से जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल दवा की तरह किया जाता है। इनमें एक वनस्पति गोटू कोला है। आयुर्वेद में गोटू कोला को औषधि माना जाता है। इसे ब्राह्मी बूटी या मण्डूकपर्णी भी कहा जाता है। जबकि अंग्रेजी में गोटू कोला को सेंटेला आस्टीटिका (Centella asiatica) कहा जाता है। इसकी पत्तियां हरे रंग की होती है और गोटू कोला का पौधा नमी वाले स्थान पर उगता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो सेहत और सुंदरता दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। गोटू कोला कई तरह की बीमारियों को दूर करने में सक्षम है।
दिमाग तेज होता है
गोटू कोला के सेवन से ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है। साथ ही दिमाग तेज होता है। अगर शार्प मेमोरी की इच्छा है, तो अपनी डाइट में गोटू कोला को जरूर शामिल करें।
रक्त चाप नियंत्रित रहता है
एक शोध में खुलासा हुआ है कि गोटू कोला के सेवन से रक्त चाप नियंत्रित रहता है। इसमें टोटल फेनोलिक कंटेंट पाया जाता है जो रक्त चाप को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं।
त्वचा के लिए भी गुणकारी है
गोटू कोला में पानी अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर हायड्रेट रहता है। जबकि त्वचा में नमी बनी रहती है। साथ ही त्वचा संबंधी परेशानियों से निजात मिलता है।
घाव भरता है
2012 की एक शोध के अनुसार, गोटू कोला के सेवन से घाव जल्दी भर देता है। चूहों पर किए गए शोध में पाया गया है कि गोटू कोला घाव को भरने में सक्षम है। इसमें विटामिन-बी, सी, फ्लेवोनॉयड्स, टैनिन और पॉलीफिनोल पाए जाते हैं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डाक्टर की सलाह के रूप में न समझें कोई भी बीमारी या परेंशानी होनें की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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