व्‍यापार

क्या है SBI की लैंड परचेज स्कीम, कौन ले सकता है फायदा

SBI (State Bank of India) ने भूमि खरीद योजना (SBI Land Purchase Scheme) नाम से एक स्कीम चलाई हुई है। इस स्कीम के जरिए बैंक खेती-बाड़ी में छोटे एवं सीमान्त किसानों की मदद करना चाहता है। SBI की इस स्कीम का मकसद बैंक से पहले से कर्ज लिए हुए छोटे व सीमांत किसानों और भूमिहीन कृषि श्रमिकों को भूमि जोत को बढ़ाने, बंजर व परती भूमि की खरीद के लिए मदद करना है।

​खेत खरीदने के लिए 85% तक मिल जाएगा लोन : SBI की लैंड परचेज स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसान को खेती की जमीन खरीदने के लिए जमीन के निर्धारित मूल्य का 85 फीसदी लोन की राशि के तौर पर बैंक से मिल जाता है। लोन की अधिकतम राशि 5 लाख रुपये है। हालांकि इस 85 फीसदी के लिए भूमि का मूल्य बैंक तय करेगा।

कौन ले सकता है स्कीम का फायदा : खुद के नाम पर 5 एकड़ से कम असिंचित/2।5 एकड़ तक सिंचित भूमि वाले लघु एवं सीमांत किसान, भूमिहीन कृषि श्रमिक उधारकर्ता का लोन चुकाने का कम से कम 2 वर्षों का अच्छा रिकॉर्ड हो। अन्य बैंको के अच्छे उधारकर्ता भी पात्र हैं, बशर्ते कि वे अन्य बैंकों में उनके बकाए को चुकता कर दें।

लोन चुकाने की अवधि : SBI लैंड परचेज स्कीम में दिया गया लोन चुकाने के लिए किसानों को अधिकतम 10 वर्ष मिलते हैं। भूमि पर उत्पादन शुरू होने से लेकर अधिकतम 9-10 वर्ष तक किसान छमाही किस्तों में लोन चुका सकते हैं। अगर जमीन पहले से विकसित है तो उसके लिए उत्पादन से पूर्व अवधि अधिकतम 1 वर्ष होगी। वहीं जो जमीन खरीदे जाने के तुरंत बाद उत्पादन योग्य नहीं है यानी उत्पादन योग्य बनाना बाकी है, उसके लिए उत्पादन पूर्व अवधि 2 साल होगी। उत्पादन पूर्व अवधि के दौरान यानी जमीन पर उत्पादन शुरू होने से पहले के इस निर्धारित समय में किसान को कोई किस्त नहीं चुकानी होगी।

स्कीम के कुछ अन्य फीचर्स
खरीदी जाने वाली जमीन लोन चुकता होने तक बैंक के पास गिरवीं होगी।
सिंचाई सुविधा और भूमि विकास का प्रावधान (भूमि लागत के 50% से अधिक नहीं होगा।)
फार्म इक्विपमेंट्स की खरीद
रजिस्ट्रेशन चार्जेस व स्टांप ड्यूटी

Share:

Next Post

काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम एवं पढ़ें कवच

Fri Mar 5 , 2021
कालाष्टमी आज और कल है. हालांकि उदया तिथि कल यानि कि 6 मार्च को है ऐसे में व्रत कल ही रखा जाएगा. कालाष्टमी के दिन भक्त भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके प्रसन्न करने के लिए कवच का पाठ करते हैं और दान इत्यादि करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव […]