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परिवर्तिनी एकादशी कब है? जाने तारीख, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

September 12, 2021

हिन्दू धर्म में परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) का काफी महत्त्व (Importance) है। इस वर्ष ये 17 सितंबर को पड़ रही है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु (Lord Vishnu) जो चतुर्मास की अवधि में योगनिद्रा में सो रहे होते हैं, वह इस दिन करवट बदलते हैं। ऐसे में उनका स्थान परिवर्तन होता है और इसी वजह से इसको परिवर्तनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा-अर्चना करते हैं। माना जाता है कि भगवान विष्णु वामन रूप में इन चार महीनों में पाताल की ओर निवास करते हैं।

भाद्रपद में पड़ने वाली इस परिवर्तिनी एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा होता है। इसे वाजपेज्ञ यज्ञ के समान ही माना जाता है। महाभारत में भी इसके बारे में वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि युधिष्ठिर (Yudhisthira) और अर्जुन को भगवान कृष्ण ने परिवर्तनी एकादशी के बारे में बताया था। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार और माँ लक्ष्मी की पूजा होती है। मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है, उसको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही उनके यहां धन की कमी कभी नहीं होती है।

परिवर्तिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त (september ekadashi shubh muhurat)
पंचाग के अनुसार में परिवर्तिनी एकादशी 17 सितंबर को मनाई जाएग। 17 सितंबर को पड़ने वाली परिवर्तिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त 16 सितंबर सुबह 9:36 से शुरू होकर 17 सितंबर एकादशी 8:08 तक होगी। इसके बाद द्वादशी लग जाएगी।


परिवर्तिनी एकादशी की पूजा-विधि
शास्त्रों के अनुसार दशमी तिथि के दिन से ही परिवर्तिनी एकादशी के व्रत की शुरुआत हो जाती है। इस व्रत का संकल्प एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त पर लिया जाता है। परिवर्तिनी एकादशी की पूजा करने के लिए एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह स्नान कर लें। इसके बाद चौकी सजाकर इस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। इसके बाद भगवान विष्णु के वामन अवतार का ध्यान करके उनका पूजन-अर्चना, भोग व आरती करें। इस अवसर पर पीली वस्तुओं से भगवान विष्णु की पूजा करें। विशेषकर पीले फूल, पीले रंग की मिठाई और पीले रंग के वस्त्र भगवान को अर्पित करें। अपनी पूजा सामग्री में फल, तिल और तुलसी को भी शामिल ज़रूर करें। इसके साथ ही द्वादशी तिथि पर ही पूरे विधि-विधान के साथ व्रत का पारण करें। कहा जाता है कि जो लोग एकादशी का व्रत विधि-विधान और श्रद्धा के साथ रखते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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