बड़ी खबर

अभी तक जमानत याचिका क्यों दायर नहीं की – सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता संजय सिंह से किया सवाल

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह (AAP Leader Sanjay Singh) से सवाल किया (Questioned) कि उन्होंने अभी तक जमानत याचिका क्यों दायर नहीं की (Why Bail Petition has Not Been Filed Yet) । सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आप नेता की कथित दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तारी और उसे चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की।

 

पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एस.एन.वी. भट्टी ने नोटिस जारी किया और संजय सिंह के मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और ईडी से जवाब मांगा। केंद्र और ईडी को इस मामले में 11 दिसंबर से पहले जवाब दाखिल करना है। याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने संजय सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि उन्होंने अभी तक नियमित जमानत याचिका के लिए आवेदन क्यों नहीं किया है।

 

न्यायमूर्ति खन्ना ने टिप्पणी की, “आप इससे क्यों कतरा रहे हैं? हम नोटिस करेंगे, लेकिन आप (नियमित जमानत याचिका) दायर करें।” अदालत ने संजय सिंह को संबंधित क्षेत्राधिकार वाली अदालत के समक्ष नियमित जमानत याचिका दायर करने की छूट दी। 3 नवंबर को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसने शराब नीति घोटाले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को बरकरार रखा था।

 

20 अक्टूबर को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति में कथित अनियमितताओं की चल रही जांच में एजेंसी द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को बरकरार रखते हुए संजय सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। 13 अक्टूबर को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने मामले में संजय सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

 

संजय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को ईडी के समक्ष चुनौती देते हुए कहा है कि वित्तीय जांच एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया है। 10 अक्टूबर को, ईडी ने न्यायाधीश नागपाल से इस आधार पर उनकी आगे की हिरासत की मांग की थी कि इस मामले से संबंधित एजेंसी के कुछ गोपनीय दस्तावेजों के अधिग्रहण के स्रोत के संबंध में उनका व्यवहार पूरी तरह से असहयोगात्मक था।

 

अन्य आधार जिन पर ईडी ने संजय सिंह की हिरासत की मांग की थी, वह यह था कि उन्होंने उक्त नंबर और सह-आरोपी अमित अरोड़ा के नंबर के बीच आने वाली कॉल के संबंध में अपने मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) को स्वीकार करने या हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। आगे यह भी प्रस्तुत किया गया कि ताजा खोज के दौरान लगभग 200 जीबी का डिजिटल डेटा बरामद किया गया है। इसका विश्लेषण बाकी है और उक्त डिजिटल डेटा के साथ आरोपियों का सामना करने का कार्य पूरा नहीं हुआ है। वित्तीय जांच एजेंसी ने 4 अक्टूबर को नॉर्थ एवेन्यू इलाके में उनके आवास पर तलाशी लेने के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

Share:

Next Post

इंदौर के नेहरु स्टेडियम में होगी मतगणना, 10 घंटों में गिने जाएंगे 20 लाख से ज्यादा वोट

Mon Nov 20 , 2023
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले (Indore district) की 9 सीटों पर हुए मतदान (Voting took place on 9 seats) की गिनती के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय ने तैयारी कर ली है। इसके लिए जिन कर्मचारियों की ड्यूटी (duties of employees) लगाई जा रही है, उन्हें पत्र भेजे गए है। 3 दिसंबर को मतगणना नेहरु स्टेडियम […]