
भोपाल। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर (Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar) के नाम पर राजनीति करने वाले, अपने-आपको दलितों का मसीहा बताने वाले कांग्रेसी, वामपंथी और अन्य विपक्षी नेताओं की दलितों के अपमान पर चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। आज हर देशवासी और विशेषकर दलित समुदाय के लोग इस सवाल का जवाब चाहते हैं कि क्या इन दलों और नेताओं के लिए दलित सिर्फ चुनाव जीतने के औजार हैं? कांग्रेस (Congress) और अन्य दलों की इस बर्बर अपमान पर चुप्पी यह सवाल खड़े करती है कि वो दलितों को इंसान भी मानते हैं या नहीं? यह बात भाजपा (BJP) प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा (Vishnudutt Sharma) ने पश्चिम बंगाल के आरामबाग से तृणमूल प्रत्याशी सुजाता मंडल खान (Sujata Mandal Khan) द्वारा दलितों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी किए जाने की निंदा करते हुए कही। शर्मा ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि एक समुदाय विशेष के सम्मान के लिए हमेशा फिक्रमंद रहने वाली तृणमूल कांग्रेस (Congress) की मुखिया ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को दलितों का यह अपमान दिखाई नहीं दे रहा है। आतंकियों के मानवाधिकारों की फिक्र करने वाली कांग्रेस (Congress) को दलितों के मानव अधिकारों का यह दमन नजर नहीं आ रहा है। दलितों को बरगलाकर हमेशा उनका इस्तेमाल राजनीतिक हितों के लिए करने वाले वामपंथी इस अपमान पर चुप हैं। दलितों और पिछड़ों के नाम पर राजनीति करने वाली समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी खामोश हैं। भाजपा ने निर्वाचन आयोग से तृणमूल प्रत्याशी के खिलाफ शिकायत कर दी है और जब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
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