
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) पिछले दो साल तक सस्ते कर्ज का तोहफा (gift) देने के बाद अब ताबड़तोड़ रेट बढ़ाने के मूड में दिख रहा है. रॉयटर ने अर्थशास्त्रियों (economists)के बीच कराए एक सर्वे में कहा है कि आरबीआई साल 2022 में अनुमान से भी ज्यादा तेजी से रेपो रेट में वृद्धि कर सकता है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने गत 4 मई को चौंकाने वाली घोषणा करते हुए रेपो रेट में अचानक 0.40 फीसदी की वृद्धि कर दी थी. अब रॉयटर के पोल में अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि इस साल और भी ऐसी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, क्योंकि आरबीआई जल्द रेपो रेट को कोविड पूर्व स्तर तक ले जाना चाहता है. इसकी सबसे बड़ी वजह बेतहाशा बढ़ती महंगाई है जो अप्रैल में 7.79 फीसदी पहुंच गई है.
6 जून से शुरू हो रही एमपीसी बैठक
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक अगले सप्ताह 6 जून से शुरू हो रही है और 8 जून को जब इसके फैसले सामने आएंगे तो रेपो रेट में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है. पोल में अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि केंद्रीय बैंक अगली चार एमपीसी बैठक के दौरान रेपो रेट में 1 फीसदी की वृद्धि कर सकता है. फिलहाल रेपो रेट 4.40 फीसदी है. 8 जून को इसमें 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी और की जा सकती है.
कब खत्म होगा बढ़ोतरी का सिलसिला
पैनथॉन मैक्रोइकॉनमिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया) मिगल शैंको का कहना है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला इस महीने शुरू होकर अगले साल अप्रैल तक जाएगा. हाल में जारी जीडीपी के आंकड़ों से भी रेपो रेट में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं. एनएसओ ने 2021-22 में 8.7 फीसदी विकास दर बताई है, जो अनुमान से भी ज्यादा है. ऐसे में सुधारों को और गति देने के लिए आरबीआई महंगाई पर काबू पाने को रेपो रेट जरूर बढ़ाएगा.
6 फीसदी से ऊपर जाएगा रेपो रेट
पोल में शामिल अर्थशास्त्रियों में से 14 ने कहा है कि रेपो रेट का हाई लेवल 6 फीसदी से ज्यादा पहुंच सकता है. हालांकि, अन्य इकोनॉमिस्ट ने इसके 5.15 फीसदी से 6.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है. सर्वे में शामिल एक तिहाई अर्थशास्त्रियों ने 2023 की दूसरी तिमाही तक रेपो रेट के पीक पर पहुंचने का अनुमान लगाया है, जबकि 6 लोगों का कहना है कि इसमें 2023 की पहली छमाही तक का समय लग सकता है. महज चार अर्थशास्त्रियों ने इसके 2024 तक पहुंचने का अनुमान लगाया है.
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